बुंडू. बुंडू सहित पूरे पंचपरगना क्षेत्र में धानरोपनी का कार्य शुरू नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है. सावन माह शुरू होने के बाद भी नदी समेत सोतिया नाला सूखा हुआ है. किसानों के खेतों में पानी नहीं है. जानकारी के अनुसार रायसा नदी, कांची नदी, करकरी नदी, राढू नदी व सोतिया में पानी का बहाव बंद है. तालाब में भी पानी नहीं है. प्रतिदिन बारिश होने की आस में किसान हैं. किसानों के अनुसार आंशिक बारिश से उनका भला नहीं होनेवाला है. नदी किनारे कुछ गांवों में किसान मशीन से सिंचाई कर धान रोपनी कार्य कर रहे हैं, लेकिन बारिश के बगैर इस साल खेती संभव नहीं है. किसानों के अनुसार अभी से अकाल के बादल मंडराने लगे हैं. खेतों में धान रोकने के लिए बिचड़ा तैयार हो गया है, लेकिन पर्याप्त पानी के अभाव में किसान धान का रोपनी नहीं कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अब तक धान रोपने का कार्य 50 प्रतिशत से अधिक कर लेते थे. स्थिति यह है कि दोन में भी पानी नहीं है. इस वर्ष की गर्मी ने नदी तालाब और दोन को भी सूखा कर दिया है. रेलाडीह गांव के किसान सुखराम मुंडा और नंदकिशोर महतो बताते हैं कि ऊंची कीमत पर उन्होंने हाइब्रिड बीज खरीद कर खेतों में धान बुआई की है. धान का बिचड़ा तैयार है, लेकिन खेतों में पानी नहीं है. तूजू गांव के किसान शंभु नारायण मुंडा और सिंगराय दास कहते हैं कि इस बार किसानों को लागत मूल्य भी उम्मीद नहीं है. फसल बीमा के जरिये किसानों को राहत राशि देने की जरूरत है. ग्रामीणों ने सरकार से सूखा क्षेत्र घोषित कर किसानों को फसलों पर हुई क्षति और राहत राशि देने की दिशा में कार्य करने की मांग की है.
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