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झारखंड में नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर के मरीजों की संख्या बढ़ी

झारखंड में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

रांची. झारखंड में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में 25 फीसदी से ज्यादा लोग फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित हैं. ये मरीज वैसे हैं, जो कभी अल्कोहल का उपयोग नहीं करते. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गयी है. विभाग ऐसे मरीजों की पहचान करने के लिए स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाने की तैयारी में जुटा है. इसका एसओपी भी बनाया गया है. इसके तहत सरकारी अस्पताल में आने वाले मोटापा के शिकार मरीजों की स्क्रीनिंग होगी. पुरुष की कमर यदि 90 सेंटीमीटर और महिला की कमर 80 सेंटीमीटर से अधिक है, तो इनके लिवर की जांच होगी. इसमें लिवर फंक्शन की जांच और आवश्यकता पड़ने पर अल्ट्रासाउंड की जांच की सलाह दी जायेगी.

डॉक्टर की बात

रिम्स के फिजिशियन डॉ संजय सिंह ने बताया कि मोटापा वाले व्यक्तियों में लिवर की समस्या का खतरा ज्यादा रहता है. मोटापे की मुख्य वजह जंक फूड का ज्यादा उपयोग है. यदि व्यक्ति शारीरिक परिश्रम नहीं करता है तो लिवर पर असर पड़ता है. लिवर की प्रारंभिक समस्या को जीवनशैली में बदलाव कर ठीक किया जा सकता है. पारंपरिक भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की जरूरत है.

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