रांची : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि झारखंड में एक भी जिला अभी रेड जोन में शामिल नहीं हुआ है. भारत सरकार के नये गाइडलाइन के अनुरूप किसी जिले में 200 से अधिक केस मिलने पर उसे रेड जोन माना जाता है. झारखंड के किसी जिले में इतनी अधिक संख्या में मरीज नहीं मिले हैं. झारखंड के तीन जिले खूंटी, साहेबगंज और पाकुड़ अभी ग्रीन जोन में हैं. शेष 21 जिले ऑरेंज जोन में हैं. डॉ कुलकर्णी ने यह बात प्रोजेक्ट भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही. उन्होंने बतायपा कि राज्य में अभी तक 136 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं, तीन की मृत्यु हो गयी है.
सरकार की ओर से अब तक राज्य में 42 हजार 245 टेस्ट किये गये हैं. इनमें सरकार द्वारा स्थापित लैब में 40 हजार 280 टेस्ट हुए हैं. जबकि एक हजार 965 टेस्ट निजी लैब में किये गये हैं. जिसमें राज्य में रिकवरी रेट 44.2 प्रतिशत है. राज्य में अभी मृत्यु दर 0.97 प्रतिशत है. 19 हजार से अधिक प्रवासी के टेस्ट हुए हैंउन्होंने बताया कि 19 हजार 686 प्रवासी मजदूरों का टेस्ट लिया गया है, जिसमें 147 पॉजिटिव मिले हैं. जितने भी प्रवासी आ रहे हैं, उन्हें कोरेंटिन किया जा रहा है. जिनमें लक्षण मिलते हैं, उनका टेस्ट किया जाता है.
उन्होंने बताया कि आठ प्रतिशत संक्रमित मरीज मुंबई से आये हैं. सूरत से 0.9 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ से 0.8 प्रतिशत, कोलकाता से 0.6 प्रतिशत व दिल्ली से 0.8 प्रतिशत हैं. उन्होंने बताया कि 106 कंटेनमेंट जोन में एक लाख नौ हजार 918 लोग हैं, जिनमें 19200 का सैंपल लिया गया है और 198 केस मिले हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करने का अधिकार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार का होता है.