रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम व आरआरडीए को भवन का नक्शा एक माह के अंदर पास करने का आदेश दिया है. लेकिन, आरआरडीए में पिछले 63 दिनों (दो माह) से एक भी नक्शा को स्वीकृति नहीं मिली है. यह स्थिति आरआरडीए में भू संपदा पदाधिकारी व सचिव के नहीं रहने के कारण उत्पन्न हुई है. नक्शा पास नहीं होने से आवेदक भी परेशान हैं. वे रोज आरआरडीए कार्यालय का चक्कर लगा रहे और हंगामा कर रहे हैं. वहीं, यहां तैनात कर्मचारी उन्हें एक ही जवाब दे रहे हैं कि जब तक सरकार द्वारा किसी अफसर की पोस्टिंग नहीं की जाती है, तब तक नक्शा पास नहीं हो सकता है.
190 से अधिक आवेदन पेंडिंगआरआरडीए में जब किसी नक्शे की कॉपी जमा होती है, तो सबसे पहले उसके कागजात की जांच भू-संपदा पदाधिकारी करते हैं. भू-संपदा पदाधिकारी द्वारा कागजात जांच करने के बाद ही फाइल आगे बढ़ती है. लेकिन, अफसर के नहीं रहने के कारण 190 से अधिक नक्शे के आवेदन पेंडिंग हैं. कागजातों की जांच नहीं होने के कारण जो आवेदन जहां है, वह वहीं पड़ा है.
70 से अधिक कर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन
अब तक आरआरडीए में जिस भी अफसर की पोस्टिंग हुई है, वह भू-संपदा पदाधिकारी के साथ-साथ आरआरडीए सचिव के भी प्रभार में रहे हैं. लेकिन, सचिव के नहीं रहने के कारण यहां से किसी प्रकार का बिल भी पास नहीं हो रहा है. नतीजा यहां स्थायी व दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत 70 से अधिक कर्मियों को वेतन भी नहीं मिला है. सचिव के नहीं रहने व किसी प्रकार का बिल पास नहीं होने के कारण जेनरेटर में डीजल और कंप्यूटर में इंटरनेट भी नहीं है. वहीं, आरआरडीए के जो जूनियर इंजीनियर विभाग के वाहन से साइट विजिट करते थे, आज वह अपनी मोटरसाइकिल से साइट विजिट कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है