रांची : प्रदेश में भाजपा की नयी टीम बन गयी है. भाजपा ने जिला अध्यक्ष सह जिला प्रभारी सहित 102 लोगों की सूची जारी की है. भाजपा की नयी टीम में एक भी संताली आदिवासी चेहरा नहीं है. प्रदेश कमेटी की कोर टीम में सात आदिवासी चेहरे हैं, जिसमें सभी दक्षिणी छोटानागपुर से हैं. विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर को पार्टी ने उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी है. वहीं राज्यसभा सांसद समीर उरांव को महामंत्री बनाया गया है.
इस तरह पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर कोई संताली आदिवासी नहीं आ पाया. प्रदेश सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक बनाये गये हैं. वहीं महिला मोर्चा की जिम्मेवारी आरती कुजूर को दी गयी है. एसटी मोर्चा के अध्यक्ष शिवशंकर उरांव और प्रभारी पूर्व विधायक रामकुमार पाहन को मिला लिया जाये, तो इन सात लेागों में सभी दक्षिणी छोटानागपुर से हैं. कमेटी में कोलहान से जेबी तुबीद प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. श्री तुबीद को सरायकेला का जिला संगठन प्रभारी बनाया गया है.
वहीं भाजपा ने 19 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की है. इसमें लातेहार से हरेकृष्ण सिंह, लोहरदगा से मनीर उरांव, सिमडेगा से लक्ष्मण बड़ाईक को जिला अध्यक्ष की कमान मिली है. इसमें दो जिलाध्यक्ष दक्षिणी छोटानागपुर से ही बनाये गये हैं. इस तरह संताल परगना में किसी संताली आदिवासी को मौका नहीं मिला है.
अाठ प्रदेश मंत्री में एक भी अादिवासी नहीं : भाजपा के प्रदेश मंत्री में अाठ लोगों की सूची जारी की गयी है. जिसमें विधायक जयप्रकाश भाई पटेल और नवीन जायसवाल भी शामिल हैं. इसमें एक भी आदिवासी चेहरा नहीं है. इसी तरह प्रदेश प्रवक्ता और प्रशिक्षण प्रमुख जैसे पदों पर भी जगह नहीं मिल पायी है.
झामुमो का गढ़ है संप, भाजपा को मिलती है चुनौती : संताल परगना झामुमो को मजबूत गढ़ रहा है. जिस जमीन पर भाजपा को शिकस्त मिलती रही है. भाजपा ने पिछले वर्षों में इस क्षेत्र में अपनी राजनीति पैठ बनाने के लिए समय-समय पर रणनीति बनाती रही है. पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार ने संताल परगना में फोकस किया था, लेकिन पिछले चुनाव में परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं आये. संताल परगना में झामुमो नौ सीट लेकर आयी. वहीं कांग्रेस को चार सीट मिला था.
बीजेपी भी चार सीट पर िसमट गयी. जेवीएम को एक सीट हासिल हुआ. संताल परगना के इस राजनीति परिदृश्य के बाद भाजपा को और भी चुनौती है. ऐसे में इस इलाके में घुसपैठ के लिए मजबूत आदिवासी चेहरा बाबूलाल मरांडी को आगे करके ही लड़ना चाहती है. वर्तमान प्रदेश कमेटी के स्वरूप के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
सिख कोटे से भी नहीं हो सका कोई शामिल : भाजपा प्रदेश कमेटी में सिख समुदाय से भी प्रतिनिधित्व नहीं है. रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, सहित कई शहरों में इस समुदाय से जुड़े सैकड़ाें लोग सक्रिय रहे हैं. जमशेदपुर में पार्टी के अंदर इसको लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं. इस समुदाय में पिछले दिनों प्रदेश नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचायी थी.
Post by : Pritish Sahay