Ranchi News : सोना-सोबरन योजना में हुई गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं, दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी : इरफान अंसारी

खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि विभाग को सक्षम बनाने के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से 286 एजीएम की नियुक्ति की जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 12:33 AM

रांची (प्रमुख संवाददाता). खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि विभाग को सक्षम बनाने के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से 286 एजीएम की नियुक्ति की जायेगी.

खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चावल वितरण बढ़ा कर सात किलो किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि सोना सोबरन योजना के तहत गरीबों के बीच धोती-साड़ी और लुंगी वितरण में हुई गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

झारखंड के धान का केवल राज्य में उपयोग होगा

मौके पर इरफान ने कहा कि हर जरूरतमंद को राशन कार्ड से जोड़ा जायेगा. विभाग अब टू-जी नहीं, बल्कि फाइव जी स्पीड से कार्य करेगा. झारखंड के धान का केवल राज्य में उपयोग होगा. दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में चावल की पहुंच सुनिश्चित की जायेगी. बैठक के दौरान मंत्री ने स्पष्ट किया कि गलत कार्य करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. वहीं बेहतर काम करनेवालों को पुरस्कृत किया जायेगा. कहा कि यह विभाग झारखंड के गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों की जीवनरेखा है. इसमें कोई समझौता नहीं किया जायेगा. हेमंत सोरेन सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए दृढ़संकल्प है और राज्य के हर नागरिक को इसका लाभ मिलेगा. विशेष रूप से जामताड़ा के उपभोक्ताओं को प्राथमिकता देते हुए उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जायेगा.

प्रमुख घोषणाओं में ये हैं शामिल

– राज्य के लगभग 5.5 लाख उपभोक्ताओं को राशन कार्ड से जोड़ने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर होगा. यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी परिवार अनाज के अभाव में भूखा नहीं रहे.

– मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के तहत बंदना और सोहराय पर्व के अवसर पर बेहतर गुणवत्ता की धोती, लुंगी और साड़ी का वितरण किया जायेगा. इस योजना में पूर्व में हुई गड़बड़ियों की शिकायतों की जांच करा कर दोषियों को कड़ी सजा दिलायी जायेगी.

– झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चावल का वितरण पांच किलोग्राम से बढ़ाकर सात किलोग्राम किया जायेगा.

– राज्य में उत्पादित धान को झारखंड के बाहर नहीं भेजा जायेगा. सभी संसाधनों का उपयोग झारखंड के लोगों के लिए ही किया जायेगा.

– झारखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी चावल को घर-घर तक पहुंचाया जायेगा, ताकि कोई भी परिवार वंचित न रह सके.

-विभाग टूजी नहीं, फाइव जी की स्पीड में काम करेगा और सभी कार्य पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ किये जायेंगे.

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