court news : रतन हाइट्स के जमीन मालिक व बिल्डर को हाइकोर्ट से अवमानना नोटिस जारी
जमीन मालिक, बिल्डर सहित अन्य प्रतिवादियों को सशरीर हाजिर होने का निर्देश
वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मोरहाबादी स्थित 12 मंजिला रतन हाइट्स बिल्डिंग के मामले में एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थियों का पक्ष सुनने के बाद नाराजगी जताते हुए प्रतिवादी जमीन मालिक व बिल्डर को अवमानना का नोटिस जारी किया. जस्टिस शंकर ने पूछा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये. पूर्व में अदालत ने आदेश का अनुपालन करने को लेकर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था, लेकिन प्रतिवादियों की ओर से शपथ पत्र दायर नहीं किया गया था. इस पर अदालत ने नाराजगी जतायी. अदालत ने अगली सुनवाई के दाैरान प्रतिवादी जमाीन मालिक अशोक कुमार वालमजी परमार, बिल्डर वीकेएस रियलिटी के संचालक विजय कुमार साहू, जय परमार, जीत परमार, प्रतिमा दयाराम परमार व स्वेता परमार को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि इस मामले में जमीन मालिक की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गयी है. इसलिए एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराया जाये. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रिंकी यादव ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने एकल पीठ के 13 जुलाई 2023 के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है. हाइकोर्ट की खंडपीठ ने 17 मई 2024 को एकल पीठ के 13 जुलाई 2023 के आदेश को सही ठहराया था तथा अपील खारिज कर दी थी. एकल पीठ ने नगर आयुक्त द्वारा संशोधित नक्शा पास किये जाने के आदेश तथा संशोधित नक्शा को रद्द कर दिया था. कहा था कि स्वीकृत नक्शा में कॉमन यूटिलिटी व फैसिलिटी के लिए जो एरिया निर्धारित था, वह कॉमन ही रहेगा. साथ ही पीठ ने जमीन मालिक व बिल्डर वीकेएस रियलिटी को एक माह में गड्ढा भर कर जमीन सोसाइटी को हैंड ओवर करने का निर्देश भी दिया था, लेकिन जमीन हैंड ओवर नहीं किया गया है.
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