Ranchi news : साहिबगंज के 123 पत्थर कारोबारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भेजा जुर्माने का नोटिस

साहिबगंज के 214 स्टोन क्रशर पर लगाया गया था 101.26 करोड़ रुपये का जुर्माना, दी गयी थी बंद करने की चेतावनी. एनजीटी के आदेश के बावजूद अब तक जमा नहीं हुई पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि, 10 दिसंबर को एनजीटी में है सुनवाई.

By Prabhat Khabar News Desk | December 8, 2024 12:16 AM

रांची. साहिबगंज में 123 पत्थर यूनिट व कारोबारियों को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने नोटिस जारी कर एक महीने के अंदर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि जमा करने का निर्देश दिया है. ऐसा न करने पर यूनिट को बंद कराने की चेतावनी भी दी गयी है. यह नोटिस पर्षद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी ने एनजीटी के आदेश के आलोक में जारी किया है. साहिबगंज में 214 यूनिटों पर एक वर्ष पहले ही 101.26 करोड़ रुपये का जुर्मान लगाया गया था. इनमें से कुछ ने राशि जमा की है, जबकि कुछ ने पर्यावरण मानक को पूरा कर दिया है. बचे हुए सभी क्रशर व स्टोन यूनिट को नोटिस जारी किया गया है. गौरतलब है कि सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) इस्टर्न जोन कोलकाता में राजमहल पहाड़ को बचाने व संवर्धन को लेकर तथा जिले में अवैध रूप से संचालित सभी स्टोन माईंस व क्रशर को पूरी तरह से बंद करने व पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाने के लिए दायर याचिका संख्या-ओए 23/2017 में बीते वर्ष 200 से अधिक पत्थर कारोबारियों पर एक अरब से अधिक का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया गया था. परंतु कुछ पत्थर कारोबारी आंशिक पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि जमा कर इकाई को संचालित कर रहे थे. जिस पर एनजीटी ने बीते सितंबर माह में सुनवाई के दौरान कड़ा रूख अपनाते हुए इस मामले में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फ्रेश हलफनामा दायर कर दस दिसंबर तक अघतन स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. दस दिसंबर को मामले की सुनवाई है. एनजीटी के कड़े तेवर के चलते झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोटिस निर्गत कर एक माह में बकाये राशि को जमा करने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि साहिबगंज जिले में 371 स्टोन क्रशर यूनिट है. जिसमें केवल 157 यूनिट के पास ही वैध कंसेट टू ऑपरेट(सीटीओ) है. शेष 214 यूनिट अवैध हैं. 203 डिफाल्ट यूनिट पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद(जेएसपीसीबी) ने पर्यावरण उल्लंघन को लेकर 101.26 करोड़ रुपये का जुर्माना किया था.

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