रांची : देवघर के बैद्यनाथ धाम में ऐतिहासिक श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने बाबा धाम प्रबंधन समिति की अध्यक्ष सह देवघर के उपायुक्त को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. उन्हें शहर में श्रावणी मेले के आयोजन की संभावनाओं जानकारी देने को कहा गया है. साथ ही इस संबंध में राज्य सरकार से इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि श्रावणी मेले के दौरान राज्य के बाहर से विशेषकर बिहार से बड़ी संख्या में भक्त बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने के लिए देवघर आते हैं. भक्त सुल्तानगंज में गंगा नदी से जल उठाते हैं आैर बाबा बैद्यनाथ पर जलाभिषेक करते हैं. बिहार से आनेवाले भक्तों के लिए क्या व्यवस्था हो सकती है?
कोर्ट ने प्रार्थी को आदेश दिया कि इस मामले में बिहार राज्य को भी पक्षकार (प्रतिवादी) बनाया जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जून की तिथि निर्धारित की गयी. गौरतलब है कि प्रार्थी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने श्रावणी मेला के आयोजन के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की है.
कभी बंद नहीं हुआ श्रावणी मेला का आयोजन : प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता रवि प्रकाश मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये खंडपीठ के समक्ष पक्ष रखा. कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप को देखते हुए प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रावणी मेला का आयोजन, बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोलने और पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाये.
बताया कि हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह ऐतिहासिक मेला साल में एक बार लगता है, जो एक माह तक चलता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की शुरुआत छह जुलाई से होगी. 19वीं शताब्दी में प्लेग महामारी के समय भी श्रावणी मेला का आयोजन हुआ था. यह आयोजन कभी बंद नहीं हुआ है. इसका आयोजन नहीं होने से करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचेगी.
देवघर में श्रावणी मेला को लेकर हाइकोर्ट में सुनवाई
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उपायुक्त को राज्य सरकार से इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश
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खंडपीठ ने पूछा : बिहार से आनेवाले भक्तों के लिए क्या व्यवस्था हो सकती है
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सांसद निशिकांत दुबे ने दायर की है जनहित याचिका, अगली सुनवाई 30 को
राज्य सरकार को लेना है निर्णय : राज्य सरकार की अोर से बताया गया कि कोविड-19 के कारण 30 जून तक लॉकडाउन लागू है. हालांकि, शुक्रवार को ही सरकार ने लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ा दिया. केंद्र की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने बताया कि केंद्र ने अनलॉक-1.0 के तहत अनुमति दी है, जिसे राज्य सरकार पर छोड़ दिया है. मंदिर खोलने और मेला आयोजित करने का निर्णय राज्य सरकार को ही लेना है.
posted by : Pritish sahay