रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने छठी जेपीएससी सिविल सेवा बैकलॉग परीक्षा-2017 में पेपर-वन का मार्क्स रिजल्ट में नहीं जोने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद प्रतिवादी पांच सफल अभ्यर्थियों (पदाधिकारियों) को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार व झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने कहा कि नोटिस तामिला होने के बाद इसे सूचीबद्ध किया जाये. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि प्रार्थी का मार्क्स अधिक है. यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जेपीएससी द्वारा पेपर-वन का मार्क्स जोड़ कर रिजल्ट तैयार किया जाता, तो वह सफल रहता, लेकिन जेपीएससी ने पेपर-वन का मार्क्स नहीं जोड़ा है. छठी जेपीएससी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा था कि पेपर-वन का मार्क्स रिजल्ट में जुड़ेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी उदय कुमार ने याचिका दायर कर रिजल्ट को चुनाैती दी है. जेपीएससी ने बैकलॉग परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित कर राज्य सरकार को नियुक्ति के लिए अनुशंसा की थी. सरकार ने अनुशंसित अभ्यर्थियों को नियुक्त कर दिया है.
राज्य सरकार के जवाब पर प्रार्थी देगा प्रति उत्तर
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर स्थित जसीडीह रेलवे स्टेशन के दक्षिणी इलाके में इंट्री प्वाइंट नंबर-दो के लिए जमीन आवंटन को लेकर डॉ निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद प्रार्थी को राज्य सरकार के शपथ पत्र पर प्रति उत्तर दायर करने के लिए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शिवानी जालूका ने पक्ष रखा. वहीं राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है