अब दवा कंपनियां आपसे नहीं वसूल सकेंगे मनमाना पैसा, दवाओं की कीमत पर निगरानी के लिए की जा रहीं है ये व्यवस्था

अब दवा कंपनियां आपसे नहीं वसूल सकेंगे मनमाना पैसा

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2020 8:28 AM

रांची : झारखंड में दवा कंपनियां अब मनमानी कीमत पर दवा नहीं बेच सकेंगी. दवाओं की कीमतों पर अब नियंत्रण रखा जायेगा. यदि दवा कंपनी ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) से अधिक कीमत पर दवा बेचती है, तो उसे नियंत्रित किया जायेगा. भारत सरकार के आदेश पर दवाओं की कीमत पर निगरानी रखने के लिए राज्य में प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट (पीएमअारयू) का गठन किया जा रहा है.

इससे संबंधित प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा गया है. गौरतलब है कि राज्य में औषधि नियंत्रण निदेशालय के अधीन ‘कंज्यूमर अवेयरनेस पब्लिसिटी एंड प्राइस मॉनिटरिंग’ के तहत ‘नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइस अथॉरिटी’ द्वारा पीएमआरयू का गठन किया जाना है. भारत सरकार ने झारखंड सहित छह राज्यों में पीएमआरयू के गठन की मंजूरी दी है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही पीएमआरयू को कार्य करना होगा.

गवर्निंग बॉडी और एग्जीक्यूटिव कमेटी का गठन होगा

पीएमआरयू के लिए राज्य में गवर्निंग बॉडी और एग्जीक्यूटिव कमेटी गठित की जायेगी. गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, उपाध्यक्ष एमडी एनएचएम, सदस्य सचिव निदेशक ड्रग कंट्रोल, सदस्यों में नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी के निदेशक, उपनिदेशक राज्य औषधि निदेशालय, सरकारी अस्पतालों या मेडिकल कॉलेज के फार्मा के प्रतिनिधि व झारखंड स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव होंगे.

पीएमआरयू का प्रशासनिक ढांचा

पीएमआरयू में एक प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, दो फील्ड इन्वेस्टिगेटर व दो अॉफिस असिस्टेंट होंगे. यह यूनिट राज्य औषधि नियंत्रक के अधीन काम करेगी. भारत सरकार पीएमआरयू को एकमुश्त पांच लाख रुपये का अनुदान देगी . इसके बाद 49 लाख रुपये प्रतिवर्ष नियमित खर्च के रूप में दिये जायेंगे. पीएमअारयू का सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत निबंधन होगा.

क्या होगा पीएमआरयू का काम

पीएमआरयू अधिसूचित कीमत पर निगरानी रखेगी. यूनिट यह देखेगी कि डीपीसीओ का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. साथ ही जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी. यह भी देखेगी कि फार्मूलेशन के आधार पर दवाओं की कीमत कंपनियां एक वर्ष में 10 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ा सकती. जांच के लिए पीएमआरयू दवाओं का सैंपल ले सकती है. उपभोक्ताओं में जागरूकता लाने के लिए समय-समय पर सेमिनार, कार्यशाला का आयोजन कर सकती है.

posted by : sameer oraon

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