अब झारखंड में ठेका देने में जाति के आधार पर मिलेगी वरीयता, स्थानीय ठेकेदारों के लिए आरक्षित होगी इतने कीमत की निविदा

भवन निर्माण विभाग में 25 करोड़ रुपये तक के काम की निविदा स्थानीय ठेकेदारों के लिए अारक्षित होगी. वहीं, नये नियम के तहत टेंडर देने में जाति के आधार पर भी वरीयता देने की शर्त रखी गयी है

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2020 12:38 AM

रांची : भवन निर्माण विभाग में 25 करोड़ रुपये तक के काम की निविदा स्थानीय ठेकेदारों के लिए अारक्षित होगी. वहीं, नये नियम के तहत टेंडर देने में जाति के आधार पर भी वरीयता देने की शर्त रखी गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘झारखंड लोक निर्माण विभाग संहिता एवं बिहार वित्त नियमावली’ के कुछ नियमों में बदलाव करते हुए भवन निर्माण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब कैबिनेट से इस पर सहमति ली जायेगी. निविदा में स्थानीय निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने और उन्हें रोजगार के उचित अवसर प्रदान कर उनका सामाजिक व आर्थिक उत्थान करने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.

नये नियम के तहत यदि किसी निविदा में दो या दो से अधिक टेंडर डालनेवाले की टेंडर राशि या दर समान हो एवं वे स्थानीय हों, तो क्रमशः अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, बीसी-1, बीसी-2 और सामान्य कोटि के क्रम में निविदाकारों को प्राथमिकता दी जायेगी. निविदा में भाग लेनेवाले को उपरोक्त क्रमानुसार राशि दर समान होने की स्थिति में स्थानीय जिलास्तरीय निबंधित संवेदकों को प्राथमिकता दी जायेगी. जिला स्तरीय संवेदक नहीं होने की स्थिति में राज्य स्तरीय संवेदक को प्राथमिकता मिलेगी.

यदि निविदा में दो या दो से अधिक संवेदक की दर समान हो तथा वे स्थानीय होने के साथ-साथ समान कोटि के हों, तो निबंधन में वरीय निविदाकार को प्राथमिकता दी जायेगी. प्राथमिकता के आधार पर किसी भी निविदाकार को एक वित्तीय वर्ष में एक ही बार निविदा आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी. उपरोक्त शर्तों पर आमंत्रित किये जानेवाले निविदा में यह केवल दो बार तक ही मान्य होगा. इसके उपरांत निविदा के लिए संवेदक नहीं मिलने की स्थिति में सामान्य निविदा शर्तों के अनुरूप संवेदक भाग ले सकेंगे.

बड़ा बदलाव

मुख्यमंत्री ने भवन निर्माण विभाग के प्रस्ताव को दी मंजूूरी, अब कैबिनेट जायेगा यह प्रस्ताव

निविदा की दर समान होने पर जाति के आधार पर चयन, पहले एसटी को दिया जायेगा मौका

किसी भी निविदाकार को एक वित्तीय वर्ष में एक ही बार निविदा आवंटन में मिलेगी प्राथमिकता

स्थानीयता की शर्तें पूरी करनी होगी

निविदाकार के प्रोपराइटरशिप फर्म होने की स्थिति में प्रोपराइटर का स्थायी पता झारखंड का होना चाहिए

पार्टनरशिप फर्म या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का निबंधन, झारखंड के निबंधन कार्यालय का होना चाहिए

निविदा में भाग लेनेवाली कंपनी सब्सिडियरी है, तो होल्डिंग कंपनी का निबंधन झारखंड का होना चाहिए

ज्वाइंट वेंचर द्वारा निविदा में भाग लेने की स्थिति में लीड पार्टनर का स्थायी पता झारखंड का होना चाहिए

संवेदकों को उपरोक्त लाभ लेने के लिए अपने निबंधन प्रमाण पत्र में पता बदलने की अनुमति नहीं होगी

संवेदकों या निविदा डालनेवाले को उपायुक्त/अनुमंडल पदाधिकारी/ सक्षम प्राधिकार द्वारा जारी स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा

Post by : Pritish Sahay

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