अब बंगाल की कंपनी से नहीं मिलेगा झारखंड को यूरिया, जानें क्या है इसकी बड़ी वजह और क्या पड़ेगा इसका प्रभाव
भारत सरकार को पत्र लिखकर कृषि विभाग के सचिव ने स्थिति से अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए भारत सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करे, जिससे झारखंड के किसानों को समय पर यूरिया मिल सके. इसी तरह झारखंड को कोरोमंडल इंटरनेशनल खाद कंपनी (सीआइएल) से भी अब तक यूरिया नहीं मिल पाया है, यहां से 600 एमटी यूरिया मिलने की उम्मीद थी. समय पर यूरिया नहीं मिलने से आने वाले कुछ दिनों में परेशानी हो सकती है. इधर, इफ्को ने भी राज्य सरकार के सप्लाई प्लान के हिसाब से अभी तक यूरिया की आपूर्ति नहीं की है.
Urea Supply In Jharkhand रांची : बंगाल की कंपनी मैट्रिक्स ने झारखंड को यूरिया देने में असमर्थता जतायी है. इस कंपनी को झारखंड में 15000 मीट्रिक टन यूरिया आपूर्ति करने का आदेश भारत सरकार ने दिया है. कंपनी ने झारखंड के कृषि विभाग को अवगत कराया है कि कोरोना व यश तूफान के कारण काम प्रभावित हो गया है. काम नहीं हो पा रहा है. इस कारण झारखंड को यूरिया देना संभव नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने भारत सरकार को इसकी जानकारी दी है.
कृषि सचिव ने केंद्र को कराया अवगत :
भारत सरकार को पत्र लिखकर कृषि विभाग के सचिव ने स्थिति से अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए भारत सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करे, जिससे झारखंड के किसानों को समय पर यूरिया मिल सके. इसी तरह झारखंड को कोरोमंडल इंटरनेशनल खाद कंपनी (सीआइएल) से भी अब तक यूरिया नहीं मिल पाया है, यहां से 600 एमटी यूरिया मिलने की उम्मीद थी. समय पर यूरिया नहीं मिलने से आने वाले कुछ दिनों में परेशानी हो सकती है. इधर, इफ्को ने भी राज्य सरकार के सप्लाई प्लान के हिसाब से अभी तक यूरिया की आपूर्ति नहीं की है.
“266 बिकता है यूरिया :
झारखंड में यूरिया की अनुदानित कीमत 266 रुपये रखी गयी है. इससे अधिक कीमत पर बेचने पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है. यूरिया के अतिरिक्त झारखंड में 75000 एमटी डीएपी, 20 हजार एमटी एमओपी और 10 हजार एमटी एसएसपी की भी मांग केंद्र सरकार से की गयी है . राज्य सरकार ने अपना सप्लाई प्लान केंद्र सरकार को भेज दिया है.
1.70 लाख टन यूरिया आपूर्ति का आदेश है खरीफ में
खरीफ में झारखंड में करीब 28.27 लाख हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य है. इसके लिए एक लाख 70 हजार एमटी यूरिया आपूर्ति का सप्लाई प्लान तैयार किया गया है. यह यूरिया राज्य के छह रैक प्वाइंट पर उतरना है, यहां से जिलों को आपूर्ति होनी है. यूरिया का रैक हटिया (रांची), हजारीबाग, डालटनगंज, जसीडीह, दुमका और कोडरमा में उतरता है.
अप्रैल में 20 हजार एमटी यूरिया की आपूर्ति होनी चाहिए थी. मई में 25 हजार एमटी, जून में 30 हजार एमटी और जुलाई तथा अगस्त में 40-40 हजार एमटी यूरिया की आपूर्ति होनी है. जून से रोपा होने लगता है. जुलाई और अगस्त में खाद की मांग ज्यादा होती है. राज्य में सबसे अधिक यूरिया की मांग 17280 एमटी रांची में होती है. वहीं देवघर में 13400 तथा दुमका में 11560 एमटी यूरिया की मांग की गयी है. शेष जिलों में 10 हजार एमटी से नीचे की मांग है.
Posted by : Sameer Oraon