अब झारखंड के पांच जिले ही रह गये नक्सल प्रभावित

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड में नक्सल प्रभावित जिलों के आधार पर इसका श्रेणीकरण कर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में अब पांच जिले ही नक्सल प्रभावित रह गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 8, 2024 12:24 AM

वरीय संवाददाता, (रांची). केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड में नक्सल प्रभावित जिलों के आधार पर इसका श्रेणीकरण कर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में अब पांच जिले ही नक्सल प्रभावित रह गये हैं. इनमें गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम का नाम शामिल है. वहीं, देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में झारखंड का सिर्फ पश्चिमी सिंहभूम जिला का नाम शामिल है. जबकि, छत्तीसगढ़ में सात, मध्य प्रदेश में एक, महाराष्ट्र में एक और ओडिशा में दो जिले सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में रह गये हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के चार जिले- गिरिडीह, गुमला, लातेहार ओर लोहरदगा में धीरे-धीरे नक्सली कमजोर हुए हैं या नक्सली घटनाओं में कमी आयी है. इन जिलों को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कनर्सन की श्रेणी में रखा गया है, ताकि यहां फिर से नक्सली अपने संगठन का विस्तार या संगठन को मजबूत नहीं कर सकें. जबकि, झारखंड के सरायकेला-खरसावां, चतरा, खूंटी, रांची, बोकारो और गढ़वा जिला को लीगेसी और थ्रस्ट डिस्ट्रिक्ट की श्रेणी में शामिल किया गया है. यानी ये वैसे जिले हैं, जो अब भाकपा माओवादी के नक्सलियों के प्रभाव में नहीं रहे. लेकिन, ऐसे जिले में दोबारा नक्सली पनप नहीं सकें, इसके लिए इन जिलों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से केंद्रीय अर्धसैनिकों के प्रतिनियुक्त पर राज्य सरकार को सहायता करने पर निर्णय लिया गया है. बिहार राज्य में अब कोई भी जिला नक्सलियों के प्रभाव में नहीं रह गया है. बिहार में सिर्फ औरंगाबाद, गया, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, कैमूर, नवादा और रोहतास को लीगेसी और थ्रस्ट डिस्ट्रिक्ट की श्रेणी में रखा गया है.

दो साल पहले झारखंड में 16 जिले थे नक्सल प्रभावित

दो साल पहले झारखंड में 16 जिले नक्सल प्रभावित थे. इनमें बोकारो, चतरा, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, रांची, सरायकेला- खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम का नाम शामिल था. नक्सल प्रभावित होने के कारण इन जिलों को एसआरइ स्कीम के अंतर्गत रखा गया था.

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