संजीव सिंह, रांची : इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के विद्यार्थी अब अपने कोर्स में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी किताबें पढ़ सकेंगे. हिंदी को बढ़ावा देने व विद्यार्थियों को आम बोलचाल की भाषा में समझाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने हिंदी में तकनीकी एवं प्रबंधन विषयों पर लिखी गयी पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए वित्तीय सहायता योजना भी लागू की है.
परिषद पिछले दो वर्ष से लेखकों द्वारा किताब लिखवाने की दिशा में प्रयासरत थी. परिषद ने इस योजना के तहत वैसे लेखकों से तीन चरणों में प्रविष्टियां भी पुस्तक के रूप में मंगायी. अब अंतिम चरण के लिए 10 पुस्तकों का चयन किया गया है. एआइसीटीइ के सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार के अनुसार, वेबसाइट पर उपलब्ध इन किताबों पर आम लोगों से आग्रह किया गया है कि वे चुनी गयी 10 किताबों का अवलोकन करें.
यदि इस संबंध में कोई आपत्ति है, तो वे अपनी आपत्ति 20 सितंबर 2020 तक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नेल्सन मंडेला मार्ग, वसंत कुंज, नयी दिल्ली -110070 के पते पर तथा राजभाषा प्रकोष्ठ के ई-मेल (reena.shrma7503@yahoo.in) या (deohindicell@aicte-india.org) पर भेज सकते हैं. उन्होंने कहा है कि स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर चयनित पुस्तक को दो से ढाई लाख रुपये पुरस्कार के रूप में दिये जायेंगे.
इन 10 किताबों का चयन संबंधित विषय के विद्वान विशेषज्ञों द्वारा किया गया है. इसलिए पुस्तकों की सामग्री का सभी प्रकार का उत्तरदायित्व (साहित्यिक, चोरी, नकल, गुणवत्ता का स्तर, तथ्यों, चित्रों का स्पष्टीकरण, जानकारी की सटीकता आदि ) लेखक का होगा. निर्धारित तिथि तक आपत्ति नहीं आने पर लेखक की मूल कृति मानते हुए उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर दी जायेगी.
इन पुस्तकों का किया गया चयन : डॉ हरिशंकर शर्मा, डॉ सदाचारी सिंह तोमर, डॉ देवेंद्र मोहन व रचना शर्मा द्वारा लिखित पर्यावरण की भारतीय अवधारणा, प्रकाश मेहता द्वारा लिखित अर्थ मिति, डॉ एसएस श्रीवास्तव द्वारा लिखित क्रिप्टोग्राफी अौर नेटवर्क सुरक्षा, डॉ एसएस श्रीवास्तव द्वारा लिखित कंप्यूटर सिस्टम आर्किटेक्चर, डॉ विनोद कुमार शर्मा द्वारा लिखित भू-वैज्ञानिक आपदाएं भारतीय संदर्भ, विकास माथुर व हरीश दाधीच द्वारा लिखित विद्युत मशीन-1, हरीश दाधीच व विकास माथुर द्वारा लिखित डाटा कम्यूनिकेशन एंड कंप्यूटर नेटवर्क, डॉ जूही शुक्ला द्वारा लिखित चित्रकला के मूलाधार, डॉ हर्षलता पेटकर द्वारा लिखित वाक प्रौद्योगिकी के मूलभूत सिद्धांत, डॉ सुयोग सुभाषचंद्र धूत द्वारा लिखित प्रचालन तंत्र किताब आदि शामिल हैं.
Post by : Pritish Sahay