Ranchi News : अब सभी मोबाइल नेटवर्क से महिला हेल्पलाइन नंबर पर किया जा सकता है संपर्क
हाइकोर्ट. डायन-बिसाही के मामले में हुई सुनवाई, राज्य सरकार ने बताया
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में डायन-बिसाही को लेकर हत्या व मारपीट की बढ़ती घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान पक्ष सुना. अब मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया. अधिवक्ता अशोक यादव ने बताया कि महिला हेल्पलाइन नंबर-181 पर पूर्व में मात्र एक मोबाइल नेटवर्क से संपर्क हो पाता था. अन्य मोबाइल नेटवर्क से लगाने पर दूसरे राज्य में नंबर लग जाता था. इस समस्या को अब ठीक कर लिया गया है. अब सभी मोबाइल नेटवर्क से महिला हेल्पलाइन नंबर-181 पर संपर्क किया जा सकता है. पीड़ित महिलाएं अपनी परेशानी या शिकायत हेल्पलाइन नंबर-181 पर किसी भी मोबाइल नेटवर्क से दर्ज करा सकती हैं. सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि गुमला में वर्ष 2021 में डायन-बिसाही मामले में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी. उस परिवार की एक बच्ची बच गयी थी. उसके पुनर्वास के मद में अक्तूबर 2024 तक राशि का भुगतान सरकार की ओर से कर दिया गया है. पहले पीड़ित बच्ची को मुआवजा के रूप में प्रति माह 2000 रुपये दिये जा रहे थे. अब यह राशि बढ़ा कर 4000 रुपये कर दी गयी है. पीड़ित बच्ची अपने एक रिश्तेदार के साथ रह रही है. मामले में एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सुचित्रा पांडेय ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में डायन-बिसाही के नाम पर होनेवाली हत्या की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पूर्व की सुनवाई में झालसा के सदस्य सचिव की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया था कि गुमला जिला में डायन-बिसाही को लेकर मारपीट व हत्या की सर्वाधिक घटनाएं होती है. डायन बिसाही के अंधविश्वास को रोकने के लिए झालसा द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. झालसा वैसे जगह पर पहुंची है, जहां डायन-बिसाही जैसी घटनाएं होती हैं.
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