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जेट परीक्षा लेने से एनटीए ने किया इनकार, लटक सकती है विश्वविद्यालय में नियुक्तियां

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेपीएससी द्वारा ली जानेवाली झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) का आयोजन करने से इनकार कर दिया है. एनटीए ने जेपीएससी को इसकी मौखिक जानकारी दे दी है. जेपीएससी ने जुलाई तक जेट के आयोजन की जिम्मेदारी एनटीए को दी थी.

संजीव सिंह, (रांची).

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेपीएससी द्वारा ली जानेवाली झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) का आयोजन करने से इनकार कर दिया है. एनटीए ने जेपीएससी को इसकी मौखिक जानकारी दे दी है. जेपीएससी ने जुलाई तक जेट के आयोजन की जिम्मेदारी एनटीए को दी थी. लेकिन, हाल के दिनों में नीट-यूजी और यूजीसी नेट के आयोजन को लेकर हुई किरकिरी के बाद एनटीए ने जेपीएससी ने जेट के आयोजन संबंधित प्रस्ताव को फिलहाल लौटाने का फैसला किया है. एनटीए के इस फैसले से जेपीएससी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. साथ ही राज्य के विवि में 2404 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी ब्रेक लग गया है. बता दें कि राज्य में वर्ष 2006 के बाद दूसरी बार जेट का आयोजन होना है.

43 विषयों का प्रश्न पत्र तैयार कराने में होगी देर :

जेपीएससी ने यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के आयोजन के अनुभव को देखते हुए ही एनटीए को जेट के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन, एनटीए के इनकार के बाद अब जेपीएससी को नये सिरे से तैयारी करनी पड़ेगी. जेट में शामिल कुल 43 विषयों की परीक्षा के लिए आयोग को प्रश्न पत्र तैयार कराना होगा. साथ ही अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाने व स्क्रूटनी के बाद परीक्षा के आयोजन व रिजल्ट प्रकाशन में देरी संभव है.

जेट के साथ पीएचडी प्रवेश परीक्षा भी लेनी है जेपीएससी को :

जेट के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के साथ विवि में एकरूपता लाने के उद्देश्य से पीएचडी प्रवेश परीक्षा का भी आयोजन होना है. जेपीएससी ने सात मार्च 2024 को सूचना जारी कर जानकारी दी थी कि परीक्षा मई/जून 2024 में संभावित है. लेकिन, इस बीच आयोग ने एनटीए को जिम्मेदारी सौंपी. परीक्षा सीबीटी मोड पर लेनी है. परीक्षा दो पेपर की होगी. पहले पेपर की परीक्षा 100 अंकों की होगी व इसमें 50 प्रश्न होंगे. जबकि, दूसरे पेपर की परीक्षा 200 अंकों की होगी, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जायेंगे.

2006 जेट की सीबीआइ कर रही जांच :

जेपीएससी द्वारा वर्ष 2006 में जेट का आयोजन किया गया था. यह परीक्षा शुरू से ही विवादों में रही. असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को दी गयी है. इसमें कई शिक्षक जेल भी गये हैं, जबकि 69 से अधिक शिक्षकों के विरुद्ध चार्जशीट दायर है. इस परीक्षा व अन्य अर्हता के साथ वर्ष 2008 में नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रोन्नति देने से पहले आयोग ने इनके संबंध में सीबीआइ से विस्तृत जानकारी मांगी है.

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