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बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिलास्तर पर बनेगी नर्सरी, ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने की पहल तेज

ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सचिव चंद्रशेखर ने बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिलास्तर पर नर्सरी बनाने की बात कही. वहीं, कहा कि सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद का मॉडल बनाएं, ताकि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो सके.

Jharkhand News: मंगलवार 18 अप्रैल, 2023 को ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई‍. इस बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से होनी चाहिए. मनरेगा एक बहुआयामी योजना है, जिसके अंतर्गत रोजगार, आवास, पेयजल, महिला सशक्तीकरण, सिंचाई, सड़क, पौधरोपण आदि से संबंधित कई योजनाओं का संचालन हो रहा है. मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजित करने पर ज्यादा फोकस हो, ताकि ग्रामीण इलाके में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके.

कई योजनाओं का समेकित स्वरूप है मनरेगा

अधिकारियों को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि जिलों के सामने कई चुनौतियां होती हैं. उन्हें समय और परिस्थितियों के अनुकूल तत्काल निर्णय भी लेने होते हैं. ऐसे में आप अपने निर्णय इस तरह लें कि उसका लाभ अधिक से अधिक राज्यवासियों मिल सके. मनरेगा कई योजनाओं का समेकित स्वरूप है. इससे ग्रामीण इलाके की एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाया जा सकता है. कहा कि कुछ क्षेत्रों में जिलों ने अच्छी उपलब्धि हासिल की है. ऐसे में जहां विकास की गति धीमी है, उसे तेज करने के लिए सभी ठोस कदम उठाए जाने चाहिये.

योजनाओं की निरंतर हो मॉनिटरिंग

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इन योजनाओं का अलग-अलग डैश बोर्ड बनाया जाए. डैशबोर्ड पर योजनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए. कहा कि राज्य में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का सघन पर्यवेक्षण तथा जिलों को सतत मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए जो मिशन दल के सदस्य नामित हैं, वे क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का निरंतर मॉनिटरिंग करें क्योंकि यह अभियान निरंतर चलता रहेगा.

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मनरेगा के तहत ली गई नई योजनाओं का बेहतर रिजल्ट

बैठक में जानकारी दी गयी कि मनरेगा के तहत वर्ष 2022-23 में ली गई नीलांबर-पीताबंर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना और दीदी बाड़ी योजना का बेहतर रिजल्ट रहा है. नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया था, जबकि 1.94 लाख हेक्टेयर में योजना का क्रियान्वयन हुआ. वहीं, बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 20 हजार एकड़ की तुलना में 26 हजार एकड़, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तरह एक हजार मैदान विकसित करने के लक्ष्य के विरुद्ध1881 खेल मैदान बनाए जा चुके हैं. वहीं, दीदी बाड़ी योजना के तहत पांच लाख पोषण वाटिका बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने दिये दिशा-निर्देश

– ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का सभी जिलों में IEC Activity हो

– मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में मजदूरी भुगतान के लिए 2223.82 करोड़, सामग्री एवं प्रशासनिक मद में व्यय के लिए 715.33 करोड़ राशि दी गई है

– मनरेगा में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 900 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित था, जिसके विरूद्ध राज्य ने 915.42 लाख मानव दिवस सृजित किया

– मनरेगा के तहत सृजित किए गए मानव दिवस में 47.53 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रही

– राज्य सरकार द्वारा संचालित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत 47855 आवास निर्माण का लक्ष्य है. इनमें से 39836 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जो कि लक्ष्य का 83 प्रतिशत है.

इस बैठक में संयुक्त सचिव शैलप्रभा कुजूर, संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव जितेंद्र कुमार देव , अवर सचिव अरुण कुमार सिन्हा समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

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