रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय अंतर्गत 20 नर्सिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों ((सत्र 2022 बेसिक बीएससी नर्सिंग) का भविष्य कॉलेज की लापरवाही के कारण फंस गया है. रांची विवि ने इन कॉलेजों से कहा है कि जब तक उक्त सत्र के नामांकित विद्यार्थियों का झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा का सीएमएल रैंक विवि को उपलब्ध नहीं कराया जायेगा, विवि इनका किसी भी हाल में रजिस्ट्रेशन नहीं करेगा. मालूम हो कि सभी 20 नर्सिंग कॉलेजों ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा चयनित विद्यार्थियों का नामांकन लेने के बदले अपने स्तर से ही विद्यार्थियों का नामांकन लिया है. इसका खुलासा गुरुवार को डॉ अजीत कुमार सिन्हा द्वारा सभी नर्सिंग कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ विवि मुख्यालय में आयोजित बैठक में हुआ. कुलपति ने इन प्राचार्यों से कहा कि वे सीएमएल रैंक के साथ विद्यार्थियों की सूची विवि को दें, विवि तत्काल रजिस्ट्रेशन करा कर उनकी परीक्षा आयोजित करा देगा. लेकिन सभी प्राचार्यों ने सीएमएल रैंक के साथ सूची भेजने में असमर्थता जाहिर कर दी. कुलपति ने प्राचार्यों से कहा कि अगर राज्य सरकार उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति प्रदान कर देती है, तो विवि छात्रहित में रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई पूरी कर सकता है. बताया जाता है कि उक्त सत्र के विद्यार्थियों की अब तक सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा हो जानी थी, लेकिन इन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. कुलपति ने सभी प्राचार्यों से कहा कि एमएससी कोर्स में सीएमएल रैंक की आवश्यकता नहीं रहने के कारण विवि उनकी परीक्षा लेने में सक्षम है. मालूम हो कि प्रभावित विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराने व परीक्षा लेने की मांग को लेकर कुलपति का घेराव भी किया था. आज की बैठक में कुलपति के अलावा रजिस्ट्रार विनोद नारायण, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है