रांची के मोरहाबादी में दिख रहा है ओडिशा के सैंड आर्ट का जलवा
एक्सपो आयोजन के दूसरे दिन गणेश जी की प्रतिमा को बालू पर उकेर रहे ओम प्रकाश बारिक कहते है कि वह पिछले 15 वर्षो से सैंड आर्ट करते आ रहें हैं. इस आर्ट की शुरूआत बचपन में बालू से खेलने के दौरान ही होती है.
मोरहाबादी मैदान में लगे 5 दिवसीय एक्सपोमहोत्सव में ओडिसा से सैंड आर्टिट पहंचे हुये है. ग्राउंड के बिचोबिच अपनी कलाकारी दिखाने के लिये इन आर्टिस्टो को स्थान दिया गया है. एक्सपो आयोजन के दूसरे दिन गणेश जी की प्रतिमा को बालू पर उकेर रहे ओम प्रकाश बारिक कहते है कि वह पिछले 15 वर्षो से सैंड आर्ट करते आ रहें हैं. इस आर्ट की शुरूआत बचपन में बालू से खेलने के दौरान ही होती है. मैं भी ऐसे ही बचपन में बालू से कलाकारी करते रहता था, फिर एक दिन समझ आया कि जो भी आर्टिस्ट सैंड आर्ट करते है वो ऐसे ही करते है. वहीं से मेरे सिखने की शुरूआत हुइ. वही, ओडिशा से आये दूसरे आर्टिस्ट कहते हैं कि आज कला किसी एक माध्यम की मोहताज नहीं है. बालू पर की गइ कलाकारी इसी का एक नमूना है. आज के समय में सैंड आर्ट काफी पसंद किया जा रहा है. किसी भी कार्यक्रम में कोइ खास संदेश देने से लेकर अपनी बात मुखर रूप से रखने में सैंड आर्ट बहुत मायने रखता है.