रांची: रांची जिले के सिल्ली प्रखंड की बड़ाचांगडू पंचायत के अड़ाल नवाडीह गांव में पानी को लेकर छुआछूत मामले की जांच की गयी. अधिकारियों की टीम ने गांव में जाकर पूछताछ की और मामले की जानकारी ली. पेयजल किल्लत को देखते हुए गांव में बोरिंग करा दी गयी है. खराब पड़े चापाकल की मरम्मत भी करा दी गयी है. आपको बता दें कि नवाडीह गांव में कुल नौ टोले हैं, जिसमें लगभग 370 परिवार रहते हैं. महतो, मुण्डा, लोहरा, प्रमाणिक, महली, मुखियार, इत्यादि सामाजिक समूह के लोग निवास करते हैं. घटना के समय तक सभी लोग आपसी मेल-जोल से साथ-साथ रहते आए हैं एवं सभी तरह के सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सामूहिक रूप से सहभागी होते आए हैं. चट्टान टोली में तीन लोहरा परिवार के लोग रहते हैं.
अधिकारियों ने की स्थलीय जांच
स्थलीय जांच के क्रम में गांव का भ्रमण किया गया एवं सभी पक्षों के साथ बैठक की गई. सभी पक्षों की बातों को सुना गया. यह घटना महतो एवं लोहरा जाति के बीच की है. जांच के बाद पता चला कि दोनों समूह झारखंड की जातियों की सूची पिछड़ी जाति (बीसी एनेक्सचर-1) में दर्ज है. ग्रामीणों ने भी छुआछूत जैसी बातों का खंडन किया. स्थलीय जांच में पता चला कि यह समस्या पानी की किल्लत को लेकर थी. अधिकतर कुएं निजी जमीन पर बने हैं, जिसमें कुछ लोगों द्वारा अन्य लोगों को पानी भरने नहीं दिया जाता है क्योंकि गर्मी के कारण कुएं का जलस्तर कम हो गया है. 5-6 सरकारी कुएं पाये गये, जो साफ सफाई के अभाव में या तो सूख गए हैं या पानी गंदा हो गया है. जल संबंधी समस्या का निरीक्षण सहायक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रशाखा, अनगड़ा एवं कनीय अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रशाखा, सिल्ली के द्वारा किया गया. सर्वेक्षण के बाद खराब पड़े चापाकल की मरम्मत एवं पुरानी जलमीनार की मरम्मत तत्काल करा दी गई. गांव को एसवीएस से जलापूर्ति के लिए अच्छादित करने के लिए स्वीकृत योजना के तहत कार्य शुरू करा दिया गया है.
पानी के लिए करायी गयी बोरिंग
पानी की समस्या के समाधान के लिए नवाडीह गांव में जिला प्रशासन द्वारा बोरिंग भी करायी गयी है. वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में टैंकर से पानी भी उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ की निजी कुआंधारियों द्वारा बैठक कर सर्वसम्मति से लिखित में दिया गया है कि कोई भी निजी कुआंधारी पानी लेने के लिए किसी भी समुदाय को नहीं रोकेंगे. मुखिया, ग्राम प्रधान, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, जल सहिया, आंगनबाड़ी सेविका आदि सरकारी कर्मियों को स्थिति पर निगरानी रखते हुए सभी सरकारी सुविधा सभी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.