विशेष संवाददाता, रांची. झारखंड सचिवालय सेवा के पदाधिकारी शनिवार को विभिन्न पदों में कटौती के कार्मिक विभाग के प्रस्ताव के विरोध में एकजुट हुए. झारखंड सचिवालय सेवा संघ के बैनर तले नेपाल हाउस सचिवालय में कार्यकारिणी की बैठक हुई. संघ के सदस्यों ने कहा कि कार्मिक विभाग द्वारा तर्कहीन तथा मनमाने तरीके से पदों की कटौती संबंधी प्रस्ताव लाया गया है, जो निंदनीय है. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार पद सृजन के मामले में सकारात्मक पहल नहीं करती है और पदों में कटौती के प्रस्ताव को तत्काल वापस नहीं लेती है, तो झारखंड सचिवालय सेवा संघ भविष्य में आंदोलन करने को बाध्य होगा. इस आंदोलन की रूपरेखा अगले सप्ताह की बैठक में तय होगी.
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय सेवा शर्तों के अनुरूप झारखंड सचिवालय सेवा के प्रवर कोटि के पदों के सृजन के लिए पिछले डेढ़ साल से संचिका प्रशासी पदवर्ग समिति के समक्ष विचाराधीन थी, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अनुमोदन भी प्राप्त है. इस मामले को लेकर संघ के सदस्यों द्वारा कई बार वित्त सचिव, कार्मिक सचिव, मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की गयी, लेकिन कार्मिक विभाग द्वारा पद सृजन की संचिका प्रशासी पदवर्ग समिति से वापस मांग ली गयी है. यह संचिका सचिवालय सेवा के उप सचिव और संयुक्त सचिव के पद सृजन से संबंधित थी. पद सृजन के विपरीत कार्मिक विभाग द्वारा पदों में कटौती का प्रस्ताव लाया गया है, जो अत्यंत निंदनीय है.पदों में कटौती के विरोध में एकजुट हुए सचिवालय सेवा के पदाधिकारी, करेंगे आंदोलन
पदाधिकारियों ने आपात बैठक कर कार्मिक विभाग के प्रस्ताव की निंदा की.
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