रांची: न्यायालय ने रद्द घोषित नोटों (500 व 1000 रुपये) को बैंक में जमा कर हिसाब नहीं देनेवालों के अलावा टैक्स डिफॉल्टरों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आयकर विभाग द्वारा दायर मुकदमों के मद्देनजर अदालत ने 25 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इनमें से 13 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने रद्द घोषित नोट जमा करने के बाद उसका हिसाब आयकर विभाग को नही दिया.
बाकी 12 लोगों के खिलाफ टैक्स जमा नहीं करने के आरोपों के मद्देनजर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. नोटबंदी के बाद 31 दिसंबर 2016 तक राज्य में व्यापारियों सहित अन्य लोगों ने अपने-अपने बैंक खातों में रद्द घोषित 500 और 1000 रुपये के नोटों को जमा किया. नियमानुसार बैंक खातों में जमा इन नोटों का हिसाब-किताब संबंधित लोगों को देना था.
हालांकि कई लोगों ने रिटर्न दाखिल कर रद्द घोषित नोटों का हिसाब दिया. फिर जिन लोगों ने रिटर्न दाखिल नहीं किया, आयकर विभाग ने उन्हें कई बार नोटिस भेज कर रिटर्न दाखिल करने को कहा. इसके बाद भी जिन लोगों ने रिटर्न दाखिल नहीं किया, उन पर आयकर अधिनियम की धारा 277 सीसी के तहत मुकदमा किया गया.
आयकर अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत इसमें संबंधित व्यक्ति को तीन साल तक जेल की सजा हो सकती है. रद्द घोषित नोटों का हिसाब नहीं देने के मामले में आयकर विभाग द्वारा दायर मुकदमे में सुनवाई के बाद न्यायालय ने ऐसे 13 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. न्यायालय ने टैक्स जमा नहीं करने के मामले में जिन 12 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, उनमें गौतम कंस्ट्रक्शन,क्लासिक कोल और एएम इंटरप्राइजेज सहित अन्य नाम शामिल हैं.
मेसर्स गौतम कंस्ट्रक्शन को वित्तीय वर्ष 2013-14 में कुल 7.44 करोड़ रुपये मिले थे. हालांकि कई बार नोटिस देने के बाद भी इस कंपनी ने इससे संबंधित रिटर्न दाखिल नहीं किया. क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने टीडीएस के रूप में 53.81 लाख रुपये की कटौती की. हालांकि उसने यह राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं की.
नाम राशि
अनिता गुप्ता 47.44
नजमुज्जमा खान 10.20
सवाली खान 26.50
मोहम्मद असलम 20.07
रीमा सिन्हा 16.33
सामनता प्रिसिजन 213.00
अर्चना कुमारी 22.15
राजकुमार 10.28
अन्नपूर्णा जायसवाल 26.50
अनुराग मालवीय 19.05
अरुण कुमार सिंह 11.00
रीता देवी 12.00
ग्यासुद्दीन खान 26.80
Posted By: Sameer Oraon