झारखंड में 21 साल पहले बने कुओं की होगी जांच, एसीबी ने 18 जिलों को भेजा पत्र
एसीबी के पत्र में कहा गया है कि एक विशेषज्ञ टीम बना कर ‘निगरानी कांड संख्या 11/09’ से जुड़े कुओं का भौतिक सत्यापन करायें. इसके लिए एसीबी के संबंधित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करें
मनोज सिंह, रांची :
कृषि विभाग के भूमि संरक्षण निदेशालय की कूप (कुआं) निर्माण योजना में हुई गड़बड़ी के आरोपों की जांच अब तक चल रही है. मामला 2003-07 तक कराये गये कुओं के निर्माण से जुड़ा है. गड़बड़ी की शिकायत के बाद वर्ष 2009 में निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद हजारीबाग, रामगढ़ और चाईबासा जिले में बने कुओं की जांच करायी गयी थी. यहां के उपायुक्तों के प्रतिनिधियों ने कुओं के निर्माण की जांच रिपोर्ट भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को उपलब्ध करा दी थी. लेकिन, 18 जिलों की जांच नहीं हो सकी थी. अब मंत्रिमंडल सचिवालय और एसीबी ने इन 18 जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिख कर कुओं के निर्माण का भौतिक सत्यापन करने का आग्रह किया है.
विशेषज्ञ टीम गठन करने का आग्रह :
एसीबी ने रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, गढ़वा, डालटनगंज, लातेहार, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा, चतरा, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़, देवघर और गोड्डा के उपायुक्तों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि एक विशेषज्ञ टीम बना कर ‘निगरानी कांड संख्या 11/09’ से जुड़े कुओं का भौतिक सत्यापन करायें. इसके लिए एसीबी के संबंधित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करें. यह भी लिखा गया है कि कूप निर्माण का भौतिक जांच नहीं होने के कारण जांच लंबित है.
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21 मामलों की जांच कर रही है एसीबी
एसीबी कृषि विभाग में खाद-बीज घोटाले की भी जांच कर रही है. इसमें कुल 21 योजनाओं की जांच हो रही है. कूप निर्माण को छोड़ अन्य स्कीमों में विभाग ने चार्जशीट भी कर दी गयी है. इस घोटाले में दो-दो पूर्व मंत्री आरोपी हैं. कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है. कुछ जमानत पर हैं. इसी मामले में एसीबी आय से अधिक संपत्ति, कीटनाशक घोटाले की भी जांच कर रही है. कई पूर्व निदेशकों को जेल भी जाना पड़ा है.