Jharkhand news, Ranchi news : रांची : झारखंड के मनरेगा कर्मी अब कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) से जुड़ेंगे. इसके अलावा काम के दौरान दुर्घटना से मौत होने पर उसके परिजनों को सहायता के तौर पर 5 लाख रुपये दिये जायेंगे. गुरुवार को ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम की अध्यक्षता में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे मनरेगा कर्मियों की प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में यह सहमति बनी. मनरेगा कर्मियों की 5 मांगों के एवज में राज्य सरकार ने 3 मांगों को माना. इसके साथ ही 27 जुलाई, 2020 से चली आ रही मनरेगा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म हो गयी. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मनरेगा कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल खत्म किये जाने पर संघ के सदस्यों को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि आप सभी अनुबंधकर्मियों की समस्याओं के निदान के लिए सरकार ने पहले ही एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर रखी है. झारखंडवासियों की वर्तमान सरकार सभी की पीड़ा और संवेदनाओं को प्राथमिकता पर रखकर कार्य कर रही है और सदैव करते रहेगी.
ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम और मनरेगा प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ हुई वार्ता में 3 मांगों पर सहमति बनी. इसके तहत काम के दौरान आंशिक, गंभीर और मौत पर राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि उपलब्ध करायी जायेगी. इसके अलावा कर्मचारी भविष्य निधि से जोड़ने और मनरेगा कर्मियों के बर्खास्तगी के दौरान उन्हें अपील करने का प्रावधान किया गया है.
सामाजिक सुरक्षा के तहत अगर मनरेगा कर्मी अपने कार्यअवधि में दुर्घटना से घायल होते हैं, तो उन्हें इलाज कराने के लिए अधिकतम 25 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध करायी जायेगी. इसके अलावा कार्य अवधि के दौरान गंभीर रूप से घायल होने वाले मनरेगा कर्मियों को इलाज के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करायी जायेगी. वहीं, दुर्घटना से मृत्यु होने पर उनके परिजनों को सहायता के रूप में 5 लाख रुपये की राशि सरकार उपलब्ध करायेगी.
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मनरेगा में कार्यरत मनरेगा संविदा कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) का लाभ राज्य सरकार देगी. इसके तहत मनरेगा कर्मियों की ओर से 12 प्रतिशत और नियोक्ता (Emplpoyer) की ओर से 13 प्रतिशत यानी कुल 25 प्रतिशत का लाभ देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है.
राज्य सरकार ने आश्वस्त किया कि अगर किसी मनरेगा कर्मियों की बर्खास्तगी को लेकर जिला स्तर से आदेश देने से पहले संबंधित कर्मी से स्पष्टीकरण अवश्य पूछा जायेगा. वहीं, जिला स्तर से सेवामुक्त मनरेगा कर्मियों को सेवा मुक्ति संबंधी आदेश निर्गत तिथि के एक माह के अंदर प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष लिखित रूप से अपील करने का प्रावधान किया गया है.
ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मनरेगा कर्मियों की 5 में से 3 मांगों पर सहमति बन गयी है. अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म होने के साथ ही अब काम और तेजी दिखेगी. वर्तमान में राज्य में करीब 5 लाख मनरेगा कर्मी आज भी कार्यरत है. इसमें सखी मंडल की दीदियां भी अहम भूमिका निभा रही है. मंत्री श्री आलम ने कहा कि अब मनरेगा कर्मियों को भविष्य की चिंता से मुक्ति मिली है. कर्मचारी भविष्य निधि से मनरेगा कर्मियों को जोड़ा गया है, ताकि बाद में उन्हें आर्थिक तंगी से नहीं गुजरना पड़े.
Posted By : Samir Ranjan.