Loading election data...

किसके आदेश पर लालू यादव को पेइंग वार्ड से बंगले में शिफ्ट किया गया, हाईकोर्ट के सवाल से झारखंड सरकार परेशान

Jharkhand news, Ranchi news : रांची के रिम्स में इलाजरत राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के मामले में झारखंड हाईकोर्ट गंभीर दिखी. पेइंग वार्ड से रिम्स के डायरेक्टर बंगला और फिर वहां से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है. हाईकोर्ट ने पूछा कि किसने निर्णय से लालू यादव को इधर-उधर शिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि एक कैदी से लोग बड़े आसानी से मिलते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है. लालू यादव से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछी है. मामले की अगली सुनवाई आगामी 18 दिसंबर, 2020 निर्धारित की गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2020 4:06 PM
an image

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : रांची के रिम्स में इलाजरत राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के मामले में झारखंड हाईकोर्ट गंभीर दिखी. पेइंग वार्ड से रिम्स के डायरेक्टर बंगला और फिर वहां से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है. हाईकोर्ट ने पूछा कि किसने निर्णय से लालू यादव को इधर-उधर शिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि एक कैदी से लोग बड़े आसानी से मिलते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है. लालू यादव से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछी है. मामले की अगली सुनवाई आगामी 18 दिसंबर, 2020 निर्धारित की गयी है.

शुक्रवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने लालू प्रसाद से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए जेल प्रशासन और रिम्स द्वारा दायर किये गये जवाब से असंतुष्ट दिखे. कोर्ट ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई से पहले बिंदुवार जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही मामले में सहयोग करने के लिए सरकार के अधिवक्ता को उपस्थित रहने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई आगामी 18 दिसंबर, 2020 को निर्धारित की गयी है.

कोर्ट ने लालू प्रसाद को मिलने वाले सेवादार की नियुक्ति प्रक्रिया की भी पूरी जानकारी मांगी है. कोर्ट ने जानना चाहा कि इन सेवादारों की नियुक्ति कौन करता है और कौन सेवादार हो सकता है. इस संबंध में भी राज्य सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इधर, सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष रख रहे आशुतोष आनंद ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की. इस पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई आगामी 18 दिसंबर, 2020 को निर्धारित की है.

Also Read: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार इस दिन करेगी नयी खेल नीति की घोषणा

शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट को जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में लालू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बात सीबीआई ने बतायी. हालांकि, कोर्ट ने इसे अलग मामला बताया.

बता दें कि आगामी 11 दिसंबर, 2020 को लालू यादव की जमानत पर फैसला आना है. जेल में सजा अवधि को लेकर सीबीआई और लालू यादव की ओर से अलग-अलग दावे किये गये थे. लालू यादव की ओर से दावा किया गया कि वे 42 माह 28 दिन की सजा अब तक काट चुके हैं, वहीं सीबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया कि लालू यादव ने जेल में सिर्फ 34 महीने ही बिताये हैं.

मालूम हो कि लालू यादव को चारा घोटाले के 4 मामलों में सजा मिली है. इसमें से 3 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है और चौथा मामला दुमका कोषागार से जुड़ा है. अगर 11 दिसंबर को कोर्ट से जमानत मिलती है, तभी लालू यादव जेल से बाहर आ सकते हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version