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झारखंड के निजी स्कूलों में जारी रहेगी ऑनलाइन क्लास, बच्चे प्रतिदिन नहीं आयेंगे स्कूल

राजधानी के निजी स्कूलों ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कक्षाएं चलाने की तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि, स्कूल खुलने के बाद भी ऑनलाइन क्लास जारी रखने की योजना है. सभी क्लास के बच्चों को एक साथ स्कूल नहीं बुलाया जायेगा. अलग-अलग दिन अलग-अलग क्लास के बच्चे स्कूल आयेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 15, 2020 6:37 AM
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रांची : राजधानी के निजी स्कूलों ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कक्षाएं चलाने की तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि, स्कूल खुलने के बाद भी ऑनलाइन क्लास जारी रखने की योजना है. सभी क्लास के बच्चों को एक साथ स्कूल नहीं बुलाया जायेगा. अलग-अलग दिन अलग-अलग क्लास के बच्चे स्कूल आयेंगे. इसमें हायर क्लास के बच्चों को प्रथमिकता दी जायेगी, ताकि बोर्ड परीक्षा की तैयारी ठीक से हो सके. इस संबंध में रांची सहोदया के अध्यक्ष सह डीपीएस के प्राचार्य डॉ राम सिंह से विस्तृत बातचीत की गयी. उन्होंने निजी विद्यालयों के संचालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

निजी विद्यालयों को खोलने की क्या तैयारी है?लॉकडाउन के बाद निजी स्कूलों में भी क्लास शुरू करने की तैयारी है. स्कूल कब खुलेंगे, इसकी तिथि तो नहीं बतायी जा सकती है, लेकिन जब भी खुलेंगे, इसका स्वरूप बदला होगा. स्कूल खुलने के बाद कक्षा का संचालन कैसे होगा?लॉकडाउन हटाने के निर्णय के बाद भी इस सत्र में सुचारू ढंग से स्कूल चलाना संभव नहीं है. इसके लिए निजी स्कूल प्रबंधन कई विकल्प पर विचार कर रहे हैं. पहला विकल्प यह है कि अल्टरनेट डे बच्चों को स्कूल बुलाया जाये.

इस दौरान ऑनलाइन क्लास चलते रहेंगी और विद्यार्थियों का रिविजन, टेस्ट व अन्य कार्य स्कूल में होगा.कोरोना से बचाव को लेकर स्कूलों में क्या व्यवस्था की जायेगी?निजी स्कूलों में थर्मल स्कैनिंग और सेनिटाइजिंग मशीन की व्यवस्था की जा रही है. स्कूल सभी बच्चों को एक साथ नहीं बुलायेंगे. जूनियर को एक दिन व सीनियर को एक दिन बुलाने की योजना है. बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे होगा?

पहले जहां स्कूल बसों में बच्चे साथ-साथ बैठते थे, वहीं अल्टरनेट स्कूल होने से स्कूलों बसों की संख्या बढ़ेगी और जिस रूट पर एक बस अभी चलती है, उसपर दो बसें भी चलायी जा सकती हैं.ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों की जरूरत को कितना पूरा कर पा रही है? ऑनलाइन पढ़ाई फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शुरू की गयी है. ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को स्कूल का माहौल नहीं मिलेगा. बच्चे कई चीजें दोस्तों के साथ खेल-खेल और पढ़ाई के समय में भी सीखते हैं. वहीं, ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों में अनुशासन की कमी आयेगी. फिलहाल, इसका कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है.

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