रांची : लॉकडाउन में सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन को लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल भेजा जा रहा है. राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से 12वीं तक लगभग 42 लाख बच्चे नामांकित हैं. इसमें से लगभग दस लाख बच्चों तक ही ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल पहुंच रहा है. कक्षा दस के लगभग 1.50 लाख विद्यार्थी गणित व विज्ञान के भेजे गये लर्निंग मेटेरियल का उपयोग कर रहे हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव द्वारा की गयी समीक्षा में इसका खुलासा हुआ है. शिक्षा परियोजना द्वारा लर्निंग मेटेरियल को मिले व्यू के आधार पर यह आकलन किया गया है.
उल्लेखनीय है कि झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा स्कूली बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल भेजा रहा है. कक्षा नौ और दस के बच्चे ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल का सबसे अधिक उपयोग कर रहे हैं.ऐसे पहुंच रहा बच्चों तक लर्निंग मेटेरियलपरियोजना स्तर से बीआरपी-सीआरपी का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है. परियोजना द्वारा लर्निंग मेटेरियल बीआरपी-सीआरपी को भेजी जाती है. बीआरपी-सीआरपी के स्तर से बनाये गये स्कूल के शिक्षकों के व्हाट्सऐप ग्रुप पर लर्निंग मेटेरियल भेजा जाता है.
फिर, शिक्षकों द्वारा अभिभावकों के व्हाट्सऐप ग्रुप में पाठ्यसामग्री भेजी जाती है. अभिभावकों के पास नहीं है स्मार्ट फोन राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं. इस कारण सभी बच्चों तक ऑनलाइन लर्निंग मेटेरियल नहीं पहुंच रहा है. सभी बच्चों का मोबाइल नंबर भी स्कूल के पास उपलब्ध नहीं है. इस कारण भी बच्चों को लर्निंग मेटेरियल मिलने में परेशानी हो रही है. दूरदर्शन पर कक्षा संचालन की तैयारी लॉकडाउन अवधि में पठन-पाठन की सुविधा अधिक बच्चों तक पंहुचाने का प्रयास किया जा रहा है.
इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर दूरदर्शन पर कक्षा संचालन की तैयारी की जा रही है. इसके लिए दूरदर्शन के अधिकारियों से बातचीत भी की जा रही है. बिहार सरकार द्वारा दूरदर्शन पर कक्षा शुरू की गयी है. शिक्षा विभाग इस संबंध में बिहार सकार के अधिकारियों से भी बात कर रहा है. शिक्षा विभाग इस बात पर विचार कर रहा है कि बिहार द्वारा दूरदर्शन पर संचालित कक्षा का संचालन झारखंड में किया जा सकता है कि नहीं.
जिला स्कूल में 183 विद्यार्थी ग्रुप से जुड़े जिला स्कूल रांची के 20 शिक्षक व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ कर स्टूडेंट का सिलेबस पूरा कराने में जुटे हैं. सभी शिक्षक विषयवार ऑडियो, वीडियो के साथ ही विषय आधारित असाइनमेंट छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं. शिक्षकों की ओर से पाठ्यसामग्री को यू-ट्यूब पर भी अपलोड किया जा रहा है. बच्चों को व्हाट्सएप के जरिये वर्कशीट भेज कर होमवर्क दिया जा रहा है. स्कूल में दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट को छोड़ कर कुल नामांकित छात्र 500 बच्चों में से अभी तक 183 छात्रों को इस ग्रुप में जोड़ा जा चुका है.