crime news : 31 जेलों में मात्र पांच जेलर, वर्षों से नहीं हुई बहाली
वर्तमान में सिर्फ रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, धनबाद व सरायकेला जेल में पदस्थापित हैं जेलर
वरीय संवाददाता, रांची़ राज्य भर में 31 जेल हैं. इनमें सात सेंट्रल जेल, 16 जिला, सात सब जेल तथा सरेंडर किये हुए नक्सलियों के लिए एक ओपन जेल है. सात सेंट्रल जेलों में होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग, दुमका, गिरिडीह, मेदनीनगर, पलामू व घाघीडीह जमशेदपुर जेल हैं. इन सात सेंट्रल जेलों में मात्र तीन सेंट्रल जेल रांची, हजारीबाग व घाघीडीह जमशेदपुर जेल में ही जेलर हैं. इसके अलावा वर्तमान में दो जिला जेल मंडल कारा धनबाद और सरायकेला में जेलर पदस्थापित हैं. राज्य में 31 जेलर के पद के अलावा 66 असिस्टेंट जेलर के पद हैं. इनमें मात्र सात असिस्टेंट जेलर अभी विभिन्न जेलों में पदस्थापित हैं. वर्ष 2016 के बाद कई जेलर सेवानिवृत्त हो गये. इसके बाद वह पद खाली रह गया. कुछ जेलों में तो असिस्टेंट जेलर ही जेलर का पद संभाल रहे हैं, जबकि कुछ मंडल कारा और सब जेल में उच्च कक्षपाल जेलर का काम संभालते हैं. वर्ष 2016 के बाद जेलर, असिस्टेंट जेलर व कक्षपालों की नहीं हुई है बहाली : बताया जाता है कि वर्ष 2016 में जेलरों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार सहित अन्य प्रक्रिया हुई थी. उस समय काफी संख्या में अभ्यर्थी साक्षात्कार सहित नियुक्ति की अन्य प्रक्रिया में शामिल हुए. लेकिन मात्र चार जेलरों की नियुक्ति की गयी थी. इसके बाद आठ वर्ष बीत गये, लेकिन अब तक जेलर की नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है. इस कारण 26 जेलों में आज भी जेलर का पद खाली है. उसी प्रकार राज्य के जेलों के लिए 1800 जेल सिपाही व कक्षपालों का पद है. वर्ष 2016 में इन पदों पर 1800 की जगह मात्र 275 लोगों की नियुक्ति हुई थी. बाद में 500 सैप (भूतपूर्व सैनिक) को बहाल किया गया था. वर्तमान में राज्य भर में सैप, जेल सिपाही व कक्षपाल मिलाकर कुल 1000 लोग तैनात हैं. अगर आंकड़ों को देखा जाये, तो राज्य के जेलों में 26 जेलर, 59 असिस्टेंट जेलर व 800 जेल सिपाही व कक्षपालों की आवश्यकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है