रामकृपाल कंस्ट्रक्शन का स्टाफ ही माओवादियों तक पहुंचाता था लेवी
झारखंड में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी का भी नाम टेरर फंडिंग से जुड़ गया है. खुद इस कंपनी का स्टाफ मनोज कुमार माओवादियों को लेवी पहुंचाने का काम करता था. गिरिडीह के डुमरी थाना में 22 जनवरी 2018 को एक केस दर्ज किया गया था.
रांची : झारखंड में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी का भी नाम टेरर फंडिंग से जुड़ गया है. खुद इस कंपनी का स्टाफ मनोज कुमार माओवादियों को लेवी पहुंचाने का काम करता था. गिरिडीह के डुमरी थाना में 22 जनवरी 2018 को एक केस दर्ज किया गया था. इस मामले में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के स्टाफ मनोज कुमार (पिता : बनवारी यादव) को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 38 साल का मनोज गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के केशवारी का रहनेवाला है.
वह रामकृपाल कंस्ट्रक्शन से छह लाख रुपये और अन्य सामग्री लेकर माअोवादी कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा उर्फ कृष्णा मांझी उर्फ अविनाश दा के पास जा रहा था. इसी क्रम में उसे पकड़ा गया था. लेकिन उस वक्त यह खुलासा नहीं हो पाया था कि लेवी का पैसा किसका है. एनआइए ने मामले को टेकओवर कर जब जांच शुरू की, तब यह बात सामने आयी.
माओवादी कृष्णा गिरिडीह जिले के पीड़टाड़ थाना क्षेत्र के मंडलाडीह लेधवा का निवासी है. वह माओवादी संगठन की झारखंड क्षेत्रीय समिति का सदस्य है. मामले में मनोज कुमार के अलावा कृष्णा दा भी आरोपी है. इसी मामले में मंगलवार को एनआइए ने रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के रांची स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी.
इस दौरान कुछ दस्तावेज भी मिले थे. एनआइए के मुताबिक भाकपा माओवादी के सदस्य लेवी के पैसे से हथियार, गोला-बारूद व विस्फोटक खरीद कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. वहीं संगठन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए नये कैडर की भर्ती और सुरक्षा में खलल डालने वाली विघटनकारी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.