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Operation Nanhe Faristey: मानव तस्करों के चंगुल में फंसने से ऐसे बची सिमडेगा की दो बेटियां

Operation Nanhe Faristey: दोपहर करीब 3 बजे ट्रेन के जेनरल डिब्बा में बैठी इन दोनों लड़कियों से नन्हे फरिश्ते की टीम ने पूछताछ की. दोनों ने अपना नाम और पता बताया. दोनों लड़कियों ने बताया कि वह घरेलू काम की तलाश में नयी दिल्ली जा रही हैं. इसके बाद उन्हें ट्रेन से उतार लिया गया.

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते (Operation Nanhe Faristey) के तहत रांची पोस्ट और नन्हे फरिश्ते टीम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दो नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल में जाने से बचा लिया. दोनों किशोरियों की पहचान अमीषा केरकेट्टा (17) और एलिसावा कंडुलना (16) के रूप में हुई है. दोनों किशोरियां सिमडेगा जिला (Simdega District) की रहने वाली हैं.

हटिया-आनंद विहार ट्रेन में बैठी थी दो किशोरी

अमीषा केरकेट्टा कोलेबिरा थाना क्षेत्र की रहने वाली है, जबकि एलिसावा कंडुलना जलडेगा थाना क्षेत्र की रहने वाली है. दोनों को शुक्रवार (9 सितंबर को) नन्हे फरिश्ते (Nanhe Farishtey) और आरपीएफ पोस्ट रांची (RPF Post Ranchi) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इन्हें ट्रेन संख्या 12817 (हटिया-आनंद विहार) में चेकिंग के दौरान दो नाबालिग लड़कियों को बैठे देखा.

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नौकरी की तलाश में दिल्ली जा रही थी लड़कियां

दोपहर करीब 3 बजे ट्रेन के जेनरल डिब्बा में बैठी इन दोनों लड़कियों से नन्हे फरिश्ते की टीम ने पूछताछ की. दोनों ने अपना नाम और पता बताया. दोनों लड़कियों ने बताया कि वह घरेलू काम की तलाश में नयी दिल्ली जा रही हैं. इसके बाद उन्हें ट्रेन से उतार लिया गया. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को इसकी सूचना दी गयी.

किशोरियों को प्रेमाश्रय रांची को सौंपा गया

सीडब्ल्यूसी रांची के मौखिक आदेश के अनुसार, उन्होंने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए प्रेमाश्रय रांची को सौंप दिया. इस सराहनीय कार्य में रेलवे सुरक्षा बल रांची की निरीक्षक सुनीता पन्ना, उपनिरीक्षक सुनीता तिर्की, प्रधान आरक्षी ललिता कुमारी और आरक्षी पी कच्छप की अहम भूमिका रही.

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झारखंड में बड़े पैमाने पर होती है मानव तस्करी

बता दें कि झारखंड में बड़े पैमाने पर मानव तस्करी की घटनाएं होती हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में कुल 92 मामले दर्ज किये गये. इससे पहले वर्ष 2020 में 140 केस दर्ज किये गये थे. वर्ष 2019 में कुल 177 मानव तस्करी के मामले सामने आये थे. आंकड़े बताते हैं कि मानव तस्करी के मामलों में कमी आ रही है.

देश में मानव तस्करी का ऐसा है रिकॉर्ड

उल्लेखनीय है कि देश में वर्ष 2021 में मानव तस्करी के कुल 2,189 केस दर्ज किये गये. इससे पहले वर्ष 2020 में 1,714 और वर्ष 2019 में 2,208 केस दर्ज किये गये थे. 8 केंद्रशासित प्रदेशों (अंडमान एवं निकोबार द्वीप, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी) की बात करें, तो वर्ष 2021 में कुल 106 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2020 में 63 और वर्ष 2019 में 97 केस पुलिस में दर्ज किये गये.

रिपोर्ट- सुनील चौधरी

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