city news : एमआरआइ मशीन मंगाने का ऑर्डर जारी, फरवरी से शुरू हो जायेगी जांच

रिम्स में ढाई साल से बंद है एमआरआइ जांच, मरीज निजी लैब पर निर्भर

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2024 12:19 AM
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रांची़ रिम्स में एमआरआइ जांच के लिए परेशान मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. प्रबंधन ने एमआरआइ मशीन मंगाने का आदेश कंपनी को जारी कर दिया है. कंपनी से तीन माह में मशीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. यानी फरवरी से रिम्स में एमआरआइ जांच शुरू हो जायेगी. हालांकि कंपनी ने एक महीने का अतिरिक्त समय मांगा है, लेकिन रिम्स प्रबंधन ने मरीज हित में यथाशीघ्र मशीन मुहैया कराने को कहा है. रिम्स का अपना एमआरआइ मशीन आने से मरीजों को जांच के लिए दोगुना पैसा खर्च नहीं करना होगा. यहां बता दें कि रिम्स में एमआरआइ मशीन करीब ढाई साल से खराब है, जिसकी वजह से जांच बंद है. मरीज एमआरआइ जांच के लिए निजी लैब पर निर्भर हैं. रिम्स में भर्ती मरीजों की परेशानी उस वक्त बढ़ गयी, जब सरकार द्वारा अधिकृत जांच एजेंसी हेल्थ मैप ने मुफ्त जांच (आयुष्मान व बीपीएल मरीजाें का) करने से मना कर दिया. तीन करोड़ से अधिक राशि लंबित होने के कारण हेल्थ मैप करीब एक साल से जांच नहीं कर रही है. ऐसे में मरीज को एमआरआइ जांच के लिए निजी जांच लैब में जाना पड़ता है. सिंगल टेंडर की वजह से एमआरआइ मशीन खरीद के लिए करीब आठ से 10 बार टेंडर की प्रक्रिया रिम्स द्वारा की गयी है. अब जीबी की विशेष अनुमति से देश के बड़े संस्थानों की निविदा प्रक्रिया को अपनाकर खरीदारी की जा रही है. हड्डी व न्यूरो सर्जरी के मरीजों को अधिक परेशानी : रिम्स के हड्डी और न्यूरो सर्जरी विभाग के मरीज एमआरआइ जांच नहीं होने से अधिक परेशान हैं. क्योंकि दोनों विभाग के ओपीडी और भर्ती मरीजोंं को एमआरआइ जांच की आवश्यकता पड़ती है. सूत्रों ने बताया कि रिम्स में जांच की सुविधा होने पर प्रतिदिन 10 से 15 मरीजों की जांच होती थी.

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