सीएम हेमंत का आदेश : रघुवर सरकार के ग्लोबल स्किल समिट की होगी जांच
रघुवर सरकार के ग्लोबल स्किल समिट की जांच कराएगी हेमंत सरकार
रांची : रघुवर सरकार के कार्यकाल में विवेकानंद की जयंती (12 जनवरी 2018) पर ‘स्किल समिट’ और वर्ष 2019 में ‘ग्लोबल स्किल समिट’ आयोजित किया गया था. उस दौरान एक लाख 33 हजार 293 युवाअों को निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए ऑफर लेटर दिये गये थे. बाद में उक्त आयोजनों को लेकर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि अॉफर लेटर वितरण और नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच के लिए विधायक प्रदीप यादव ने पांचवें झारखंड विधानसभा के द्वितीय सत्र में गंभीर सवाल उठाये थे. इस मामले में रघुवर सरकार में ही मंत्री रहे व वर्तमान में विधायक सरयू राय ने भी गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की थी. हेमंत सोरेन की सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त निर्णय लिया है.
ग्लोबल स्किल समिट मामला क्या है
झारखंड कौशल विकास विभाग के तत्वावधान में राजधानी रांची स्थित खेलगांव में तामझाम के साथ स्किल समिट का आयोजन किया गया था. सभी विभागों द्वारा युवाअों को रोजगार दिलाने की बात कही गयी. समारोह में कुल एक लाख 33 हजार 293 युवाअों को अॉफर लेटर भी दिये गये.
लेकिन, जिन कंपनियों में उनकी नियुक्ति की गयी, वहां कई युवाओं ने योगदान नहीं किया. कुछ योगदान करने गये भी तो ठगा महसूस समझ छोड़ कर वापस आ गये. 2018 को आयोजित स्किल समिट में 26 हजार 674 लोगों को ऑफर लेटर दिया गया था. इसके बाद 2019 में आयोजित ग्लोबल स्किल समिट में कुल एक लाख छह हजार 619 युवाअों को ऑफर लेटर दिये गये.
इसके लिए झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी द्वारा राज्य में लगभग 38 प्लेसमेंट सेंटर स्थापित कर प्लेसमेंट ड्राइव भी चलाये गये. इनमें कई युवाअों को आठ से 10 हजार रुपये प्रतिमाह पर रोजगार दिया गया. कई युवाअों को तमिलनाडु, केरल सहित अन्य राज्यों में रोजगार दिलाने के लिए कंपनी ले भी गयी.
लेकिन इनमें से काफी संख्या में युवा काम छोड़ कर लौट गये. कॉल सेंटर के लिए दिये गये रोजगार में से आधे युवाअों के मोबाइल फोन ही स्विच अॉफ मिले. कई युवाअों ने अॉफर लेटर ले लिया, लेकिन योगदान ही नहीं किया.
posted by : sameer oraon