रांची : जिला प्रशासन के आदेश पर पांच जून को कोतवाली पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की तंबाकू नियंत्रण सेल ने शहर में रजनीगंधा के कई गाेदामों में संयुक्त रूप से छापेमारी की थी. इस दौरान व्यापारी जयप्रकाश सिंघानिया के कई गोदाम के अलावा, हरमू रोड, जेेजे रोड, जालान रोड व नार्थ मार्केट रोड में शनि मंदिर पास एक होटल में छापेमारी की गयी़ इन गोदामों से बड़ी मात्रा में रजनीगंधा और तुलसी जब्त किये गये थे. यहां एक बात गौर करने की है कि प्रशासन के निर्देश पर भले ही पांच जून को छापेमारी की जा रही थी.
लेकिन स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार 10 जून तक शहर के व्यवसायी स्टॉक गुटखा का एक्सपोर्ट कर सकते थे. ऐसे में अब सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जब सरकार ने 10 जून तक स्टॉक किये गये गुटखा को एक्सपोर्ट करने का निर्देश दिया था, तो फिर अधिकारियों ने पांच जून को छापेमारी क्यों और कैसे की. व्यापारी को प्रताड़ित करती रही पुलिस प्रशासन के निर्देश पर उस दिन छापेमारी तो कर दी गयी.
इसके बाद रात भर व्यापारी को प्रताड़ित किया गया. जयप्रकाश सिंघानिया को एक गोदाम से दूसरे गोदाम पर जबरन पुलिस प्रशासन की टीम ले गयी. जालान रोड में छापेमारी के बाद पुलिस निकली व दूसरे गोदाम मेें ले जाने के लिए जब श्री सिंघानिया को पुलिस जीप में बैठाया गया, तब उन्होंने पुलिस से कहा कि अन्य जगहों पर हमारा माल नहीं है, फिर भी उन्हें परेशान किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है़
10 के आदेश को 11 जून को निकाला गयाझारखंड में आठ मई से पान मसाला के 11 ब्रांड की बिक्री, भंडारण एवं निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है. इसी दौरान सरकार ने सभी व्यापारियों को 31 मई तक अपने स्टॉक दूसरे राज्य में भेजने की छूट दे दी थी. इधर स्वास्थ्य विभाग ने यह समय सीमा 10 जून तक बढ़ा दी. पर मजे की बात है कि यह आदेश 11 जून को निकला है.
प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने 11 जून को सभी प्रमंडलीय आयुक्त और उपायुक्त को पत्र के माध्यम से कहा है कि किसी कारणवश प्रतिबंधित उत्पाद वितरक राज्य की सीमा से बाहर नहीं भेज पाये हों, तो दिनांक 10 जून तक स्टॉक की अद्यतन सूची बनाकर जिले के खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी को देते हुए इसकी प्रति अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में जमा करवायें.
आदेश निकालने की जरूरत क्यों पड़ीगौरतलब है पांच जून को रांची के एक बड़े गोदाम में बड़े पैमाने पर पान मसाले का स्टॉक पकड़ा गया था. जिस पर न तो कोई कार्रवाई की गयी और न ही थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई. कहा गया कि इसके बाद पांच जून को ही आदेश निकाला गया कि 10 जून तक स्टॉक हटाने की छूट दी गयी है. पर अॉर्डर की यह कॉपी कहीं उपलब्ध नहीं है. अब 11 जून को नयी आदेश जारी कर दिया गया.
सरकार की ओर से पहले 31 मई तक की ही डेडलाइन तय की गयी थी. उसके बाद से जांच अभियान चलाया जा रहा था. बाद में विभाग द्वारा 10 जून तक डेडलाइन बढ़ाकर चिट्ठी जारी की गयी. इसी कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. लोकेश मिश्रा, सदर एसडीओसरकार के पहले के ऑर्डर के अनुरूप रेड की जा रही थी. बाद में दूसरा ऑर्डर आया. जिसमें डेट एक्सटेंशन की बात कही गयी थी. राय महिमापत रे, उपायुक्त
posted by : pritish sahay