ओरमांझी(रांची), रोहित लाल महतो: झारखंड के रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के भगवान बिरसा जैविक उद्यान की सरस्वती नामक बाघिन की मौत रविवार की सुबह करीब नौ बजे हो गयी. सरस्वती की उम्र पांच वर्ष 10 महीने थी. उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश साहु ने बताया कि बाघिन सरस्वती पिछले 22 नवंबर से बीमार चल रही थी. इसका इलाज 23 नवंबर को रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ अभिषेक व डॉ प्रवीण कुमार के द्वारा किया गया था. जांच-पड़ताल के बाद उनके निर्देश पर खून की जांच करायी गयी थी. जांच रिपोर्ट में किडनी का लक्षण पाया गया था. काफी प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. आपको बता दें कि अनुष्का नामक बाघिन ने सरस्वती को 2018 में उद्यान परिसर में ही जन्म दिया था.
किडनी में संक्रमण की पुष्टि
30 नवंबर को रांची पशुचिकित्सा महाविद्यालय विशेषज्ञ दल के द्वारा गहन जांच करायी गयी थी. उनके द्वारा भी किडनी में संक्रमण की पुष्टि की गई थी. इस दौरान उद्यान प्रबंधन द्वारा देश के अन्य चिड़ियाघरों के पशु चिकित्सकों का परामर्श लिया जा रहा था. इसके बाद भी वह नहीं बच सकी. सरस्वती नामक बाघिन का पोस्टमार्टम डॉ एम के गुप्ता, एचओडी पैथोलॉजी डिपार्टमेंट आरवीसी, डॉ संजीत कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर के द्वारा उद्यान परिसर में किया गया.
प्रथम दृष्टया किडनी की बीमारी से बाघिन सरस्वती की मौत
पोस्टमार्टम के बाद डाक्टरों के दल द्वारा प्रथम दृष्टया किडनी की बीमारी के कारण बाघिन सरस्वती की मौत बतायी गयी है. गहन जांच के लिए मृत बाघिन के विभिन्न अंगों का सैंपल लिया गया है, जिसे आईवीआरआई बरेली व रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया है.
उद्यान में अभी ये बाघ-बाघिन हैं
ओरमांझी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में अभी मादा बाघिन में अनुष्का, लक्ष्मी, गौरी, कृष्णा, कावेरी व ताप्ती बाघिन हैं, जबकि नर बाघ में मल्लिक व जावा नामक बाघ उद्यान में है. अनुष्का नामक बाघिन ने सरस्वती नामक बाघिन को 6 अप्रैल 2018 को उद्यान परिसर में ही जन्म दिया था.
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