Jharkhand News: रांची से अनाथ बच्चे को लेना चाहते हैं गोद तो जाना होगा धनबाद-जमशेदपुर, जानें क्या है वजह
रांची भी किसी भी बेसहरा बच्चे को गोद लेने के लिए आपको धनबाद जाना होगा. क्योंकि रांची स्थित दोनों एडॉप्शन सेंटर का रजिस्ट्रेशन साल भर से फेल है. हालांकि इसके निबंधन के लिए राज्य बाल संरक्षण निदेशालय के पास भेजा जा चुका है.
रांची: अगर आप राजधानी रांची के किसी अनाथ/बेसहारा बच्चे को गोद लेने के इच्छुक हैं, तो इसकी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए आपको जमशेदपुर या धनबाद जाना होगा. पिछले एक साल से ऐसा ही चल रहा है, क्योंकि रांची स्थित दोनों एडॉप्शन सेंटर का रजिस्ट्रेशन साल भर से फेल है. हालांकि, दोनों स्थानों ने पुनर्निबंधन का आवेदन जिला प्रशासन को दिया था, जिसे राज्य बाल संरक्षण निदेशालय के पास भेजा जा चुका है.
लेकिन, निदेशालय ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. रांची में दो एडॉप्शन सेंटर संचालित हैं. ‘सहयोग विलेज’ नामक संस्था अशोकनगर में है, जबकि ‘करुणा संस्था’ बरियातू में चल रही है. दोनों संस्था के निबंधन की अवधि साल भर पहले ही पूरी हो चुकी है.
सहयोग संस्था की ओर से आवेदन मिलने के बाद डीसी के स्तर से इसके पुनर्निबंधन की अनुशंसा 23 दिसंबर 2021 को भेजी गयी, जबकि करुणा संस्था के पुनर्निबंधन की अनुशंसा दो मार्च 2022 को भेजी गयी है. लेकिन, अब तक इन केंद्रों के मामले में राज्य बाल संरक्षण निदेशालय ने कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में दोनों ही सेंटर लगभग निष्क्रिय हो चुके हैं.
पोर्टल पर निबंधित हैं रांची के 34 बेसहारा बच्चे :
जिला बाल संरक्षण विभाग के अनुसार, रांची में शून्य से छह वर्ष तक के 34 अनाथ/बेसहारा बच्चे केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण के पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं. प्रक्रिया के तहत उसी बच्चे को गोद लिया जा सकता है, जिसका कोई दावेदार नहीं होता या वह अनाथ हो. ऐसे बच्चे को गोद लेने के इच्छुक दंपती को केंद्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण के पोर्टल के जरिये आवेदन करना होता है.
आवेदन की पड़ताल के बाद संबंधित दंपती को दत्तक ग्रहण केंद्र भेजा जाता है. यहां सभी कागजी और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद चिह्नित बच्चे को इच्छुक दंपती को सौंपा जाता है. रांची के किसी भी दत्तक ग्रहण केंद्र से आखिरी बार फरवरी 2021 में कोई बच्चा गोद लिया गया था.