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रांची रेड जोन से बाहर, यहां की जांच दर पूरे देश से बेहतर

कोरोना की रोकथाम के लिए रांची जिला प्रशासन ने बेहतरीन प्रयास करते हुए कई उपलब्धियां हासिल की है. इसी वजह से रांची जिला रेड जोन से बाहर हो गया है. यह जानकारी उपायुक्त राय महिमापत रे ने शनिवार को प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग रेट के मामले में रांची जिला देश भर में आगे है. अब तक 10 हजार टेस्ट किये जा चुके हैं, जो देश के औसत से कहीं ज्यादा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 24, 2020 5:59 AM

रांची : कोरोना की रोकथाम के लिए रांची जिला प्रशासन ने बेहतरीन प्रयास करते हुए कई उपलब्धियां हासिल की है. इसी वजह से रांची जिला रेड जोन से बाहर हो गया है. यह जानकारी उपायुक्त राय महिमापत रे ने शनिवार को प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग रेट के मामले में रांची जिला देश भर में आगे है. अब तक 10 हजार टेस्ट किये जा चुके हैं, जो देश के औसत से कहीं ज्यादा है.

श्री रे ने कहा कि देश में औसत जांच दर प्रति एक लाख में 205 है, जबकि रांची जिला में यह दर प्रति एक लाख में 285 है. रेड जोन से ऑरेंज जोन में उपायुक्त ने कहा कि रांची जिला अब रेड जोन से ऑरेंज जोन में आ गया है. यह बड़ी उपलब्धि है. इस मुश्किल काम को टीमवर्क के माध्यम से हासिल किया गया है. जिले में कोरोना के कुल 112 केस में से 95 मरीज ठीक हो चुके हैं. इनमें शनिवार को ठीक हुए चार मरीज भी शामिल हैं. वे जल्द ही अपने घर चले जायेंगे. इस तरह अब सिर्फ 15 ही एक्टिव केस हैं. उसमें से 10 मामले प्रवासी मजदूरों से जुड़े हुए हैं. राज्य में दो अन्य जिलों के साथ रांची कोरोना मरीजों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर है.

केस पॉजिटिविटी रेट 1.18 प्रतिशत कोरोना की रोकथाम को लेकर अन्य उपलब्धियों के बारे में डीसी ने कहा की एक्टिव केस के मामले में लैक ऑफ पाॅपुलेशन के मामले में झारखंड पांचवें स्थान पर है, जबकि पॉजिटिविटी रेट के मामले में जिला पूरे राज्य में छठे स्थान पर है. रांची जिला का केस पॉजिटिविटी रेट 1.18% है. डबलिंग रेट राज्य से भी बेहतरकोरोना संक्रमण के डबलिंग रेट के मामले में रांची जिला का प्रतिशत राज्य से भी बेहतर है. कुछ दिन पहले रांची जिला में डबलिंग रेट 3.5 दिन था, जो राज्य और देश से भी ज्यादा था. लेकिन पिछले कुछ दिनों में सार्थक प्रयास की वजह से डबलिंग रेट 57 दिन पहुंच गया है. उपायुक्त ने कहा कि डबलिंग रेट वह मानक होता है, जिससे पता चलता है कि किस रेट से कोरोना संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं.

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