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झारखंड में पान मसाला पर लगा बैन, 11 ब्रांड के पान मसालों में मिले प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट

झारखंड में पान मसाला की बिक्री और उपयोग को एक साल के लिए पूरी तरह बैन कर दिया गया है. टेस्ट में 11 प्रमुख ब्रांड के पान मसालों में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाये जाने के बाद सरकार ने यह निर्णय किया है. इससे पूर्व लॉकडाउन के दौरान पिछले महीने कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए भी झारखंड में पान मसाला और तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगायी गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2020 6:05 PM

रांची : झारखंड में पान मसाला की बिक्री और उपयोग को एक साल के लिए पूरी तरह बैन कर दिया गया है. टेस्ट में 11 प्रमुख ब्रांड के पान मसालों में प्रतिबंधित मैग्नीशियम कार्बोनेट पाये जाने के बाद सरकार ने यह निर्णय किया है. इससे पूर्व लॉकडाउन के दौरान पिछले महीने कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए भी झारखंड में पान मसाला और तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगायी गयी थी.

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आहूत उच्चस्तरीय बैठक में दिये गये निर्देश के आलोक में राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के 11 ब्रांड के पान मसाला (रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम) पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध विभिन्न जिलों से प्राप्त 41 पान मसाला के नमूनों के जांच में हानिकारक मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा पाये जाने के कारण लगायी गयी है.

उल्लेखनीय है कि मैग्निशियम कार्बोनेट एक ऐसा हानिकारक पदार्थ है, जिसके सेवन से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं. इसके अत्यधिक उपयोग से किडनी फेल्योर भी हो सकता है. पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिये गये मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है. अतः जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध फिलहाल एक वर्ष के लिए लगाया गया है.

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झारखंड में तंबाकू नियंत्रण हेतू राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोशिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने बताया कि पान मसाला पर प्रतिबंध लगाकर राज्य सरकार ने एक साहसिक कदम उठाया है. श्री मिश्रा ने बताया कि GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तंबाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9 फीसदी है. जिसमें चबानेवाले तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5 है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है.

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