Padma Award 2025: झारखंड के ठेठ नागपुरी गायक और भिनसरिया राग के राजा महावीर नायक को पद्मश्री
Padma Award 2025: झारखंड के ठेठ नागपुरी गायक महावीर नायक को पद्मश्री देने की घोषणा की गयी है. इन्हें भिनसरिया राग का राजा कहा जाता है.
Padma Award 2025: रांची-झारखंड के प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक और भिनसरिया राग के राजा महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की गयी है. इनसे पहले झारखंड के मुकुंद नायक और मधु मंसूरी हंसमुख को पद्मश्री मिल चुका है. प्रभात खबर से बातचीत में महावीर नायक ने बताया कि दिल्ली के कला-संस्कृति मंत्रालय से उन्हें इसकी सूचना दी गयी. उन्होंने गायिकी के अलावा झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन किया. वे 1962 से ठेठ नागपुरी गीत गा रहे हैं. उन्होंने नागपुरी गीत-संगीत में 50 वर्षों से अधिक का लंबा सफर तय किया है.
प्रगतिशील गायन शैली के लिए जाने जाते हैं महावीर नायक
राजधानी रांची से सटे उरुगुटु (पिठोरिया, गिंजो ठाकुरगांव के पास) के रहनेवाले महावीर नायक का जन्म आजादी से पांच साल पहले यानी 1942 में हुआ. कला प्रेमी पिता खुदू नायक की गोद में महावीर का लालन-पालन हुआ और यही कारण है कि बचपन से ही नागपुरी गीत से उनका गहरा लगाव रहा. उन्होंने बताया कि रामनवमी के दिन उनका जन्म हुआ. इसलिए उनके माता-पिता ने उनका नाम महावीर रखा. महावीर नायक की सात बेटियां हैं. एक पुत्र था, लेकिन उसका निधन हो गया. उनकी बड़ी बेटी ने उनकी विरासत संभाली है. वह फिलहाल हटिया (चांदनी चौक) में रहते हैं. कहते हैं महावीर नायक से होकर ठेठ नागपुरी गीत की धारा निकली है. महावीर नायक को उनकी अलग गायिकी के लिए जाना जाता है. वह सभी रागों को गाने में पारंगत हैं. उन्हें प्रगतिशील गायन शैली के लिए विशेष रूप जाना जाता है. इसी गायन शैली के कारण वे जनता के बीच छाये रहे.
सिमडेगा के लोगों ने महावीर नायक को दी थी उपाधि
नागपुरी ठेठ गायकों में महावीर महावीर नायक की पहचान ‘भिनसरिया कर राजा’ के रूप में है. लोग इसी नाम से उन्हें जानते हैं. सिमडेगा क्षेत्र में आयोजित मंचीय कार्यक्रमों में सिमडेगावासियों ने महावीर नायक को यह उपाधि दी थी. ठेठ नागपुरी गीत में महावीर नायक की पहचान हटिया आने के बाद हुई. 1963 में उन्होंने एचईसी में योगदान दिया. यहीं से उन्होंने शिष्ट नागपुरी गीतों की रचना प्रारंभ की और गायकी को एक नयी दिशा दी.
देश-विदेश में कर चुके हैं कार्यक्रम पेश
महावीर नायक झारखंड और देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में भी कार्यक्रम पेश कर चुके हैं. पद्मश्री मुकुंद नायक और डॉ रामदयाल मुंडा के साथ उन्हें ताइवान जाने का मौका मिला. इन्हें राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी कई सम्मान मिले हैं. 2014 में भारत लोकरंग महोत्सव में लोककला रत्न अवॉर्ड और स्वर्ण जयंती समारोह 2019 में भी सम्मानित किया गया.
झारखंड आंदोलन में लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा
महावीर नायक ने झारखंड आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. पद्मश्री मधुमंसूरी हंसमुख और पद्मश्री मुकुंद नायक के साथ मिलकर इन्होंने झारखंड आंदोलन को आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभायी. झारखंड आंदोलन के दौरान उन्होंने नागपुरी गीत को अलग धारा में मोड़ने का काम किया. उस समय के सभी बड़े कलाकारों को साथ जागृति के गीत लिखे और गाये.
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