Padma Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड की पूर्णिमा महतो व चामी मुर्मू को पद्मश्री से किया सम्मानित

Padma Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में झारखंड की पूर्णिमा महतो व चामी मुर्मू को पद्मश्री से सम्मानित किया.

By Guru Swarup Mishra | April 22, 2024 8:45 PM
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Padma Awards 2024: रांची-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के जमशेदपुर की पूर्णिमा महतो व सरायकेला की चामी मुर्मू को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में पद्मश्री से सम्मानित किया. पूर्णिमा महतो राष्ट्रीय तीरंदाजी कोच हैं. प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी पुरस्कृत हैं. चामी मुर्मू को लेडी टार्जन कहा जाता है. वे 30 लाख से अधिक पेड़ लगा चुकी हैं.

जमशेदपुर की बिटिया पद्मश्री से सम्मानित
पद्मश्री पूर्णिमा महतो का जन्म 15 अगस्त 1976 को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में हुआ. उनकी तीरंदाजी यात्रा टाटा अकादमी से जुड़े एक संस्थान में प्रशिक्षण सत्र के साथ 10 वर्ष की उम्र में शुरू हुई थी. उस समय उनके पास घर में बना तीर-धनुष था. उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिला. 1987 में प्रशिक्षण के लिए वे जमशेदपुर के टाटा आर्चरी एकेडमी में शामिल हुईं. 1993 और 1998 के बीच कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया. 1994 में पुणे में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में उन्‍होंने 6 स्वर्ण पदक जीते. अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है.

शानदार करियर के बाद कोच के रूप में दी सेवा
तीरंदाजी में शानदार करियर के बाद जमशेदपुर की पूर्णिमा महतो ने अगली पीढ़ी के तीरंदाजों को तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित कोच के रूप में शुरुआत की. 2000 के बाद उन्होंने दो दशक से अधिक समय शीर्ष तीरंदाजी प्रतिभाओं को संवारने में लगाया. डोला बनर्जी, दीपिका कुमारी, कोमालिका बारी, प्रणिता और भजन कौर जैसे प्रतिष्ठित तीरंदाजों को इन्होंने प्रशिक्षित किया है.

प्रभात खबर भी दे चुका है अपराजिता सम्मान
पद्मश्री चामी मुर्मू 52 साल की हैं. इन्हें लेडी टार्जन कहा जाता है. पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. इन्हें देशभर में ‘सरायकेला की सहयोगी’ के नाम से जाना जाता है. ये सरायकेला-खरसावां जिले की हैं. पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में इन्होंने कार्य किया है. तीन हजार महिलाओं के साथ इन्होंने 30 लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं. 2017 में प्रभात खबर ने इन्हें ‘अपराजिता सम्मान’ से सम्मानित किया था.

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