पहाड़ी मंदिर में वर्तमान कमेटी ने सोमवार को पदभार ग्रहण कर लिया. समिति की ओर से पदाधिकारियों की उपस्थिति में कार्यालय के गेट का ताला तोड़कर सदस्य अंदर गये और पदभार ग्रहण किया. उधर निवर्तमान कमेटी के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि धार्मिक न्यास बोर्ड ने बिना किसी को संज्ञान में लिये अपनी कमेटी बना ली है और मनमानी कर रही है. कमेटी में किसी भी पूर्व सदस्य को नहीं रखा गया है और न ही उनसे कोई बातचीत की गयी. पूर्व कमेटी ने इसके विरोध में हाइकोर्ट में शनिवार को याचिका दायर की है. धरना प्रदर्शन में मुकेश अग्रवाल,सुनील माथुर सहित अन्य सदस्य शामिल थे.
वर्तमान कमेटी के सदस्यों ने पदभार ग्रहण करने से पूर्व इसकी सूचना एसडीओ की दी. इसके बाद पदभार ग्रहण किया. सचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि हमलोग विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं. हमलोग मंदिर का विकास करेंगे. उन्होंने कहा कि यहां की सारी जानकारी एसडीओ को दे दी गयी थी.
प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में गेट का ताला तोड़वाया गया और सदस्यों ने पदभार ग्रहण किया. ताला तोड़वाये जाने से पूर्व कमेटी के लोगों से चाबी के बारे में पूछताछ की गयी थी, तो किसी ने नहीं कहा कि हमलोगों के पास है. इसके बाद ताला तोड़ा गया.
नवगठित कमेटी की अध्यक्ष एनएन पांडेय की अध्यक्षता में हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि मंदिर का विकास कैसे हो इस पर शहर के प्रबद्ध लोगों से राय ली जाएगी. इसके लिए पहाड़ी मंदिर प्रबंध समिति द्वारा एक सलाहकार कमेटी व आयोजन समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें महानगर दुर्गापूजा, महावीर मंडल जैसे अन्य धार्मिक संस्थाओं के लोगों का समायोजन करते हुए कुछ प्रबुद्ध लोगों को रखा जाएगा. बैठक में समिति के सचिव राकेश सिन्हा, उपाध्यक्ष डॉ कुमार राजा, कोषाध्यक्ष बिनोद कुमार, सदस्य राजेश साहू, अरुण वर्मा, बादल सिंह, अजय श्रीवास्तव, उमेश मिश्रा, रंजीत बिहारी प्रसाद, अजय सिंह सहित अन्य उपस्थित थे.
उधर, निवर्तमान कमेटी के सदस्य मुकेश अग्रवाल ने कहा कि जब यहां के कमेटी के अध्यक्ष डीसी,एसडीओ सहित अन्य पदाधिकारी थे, तो फिर उन्हें संज्ञान में लिये क्यों नयी कमेटी का गठन कर दिया गया. सभी को बता कर निर्णय लेना चाहिए था.
पहाड़ी मंदिर की पुरानी कमेटी भंग हो गयी है, इसलिए नयी कमेटी अपना कार्य कर रही है. पहाड़ी मंदिर के कार्यालय का ताला तोड़े जाने और हंगामे की सूचना मिली थी, जिसके बाद संबंधित थाना को शांति कायम करने के लिए भेजा गया था.
दीपक दुबे, एसडीओ रांची