Madhubani Painting : रांची की शैली की पेंटिंग को न्यूयॉर्क में मिली सराहना, ग्लाेबल वार्मिंग को दर्शाया
मधुबनी और मिथिला पेंटिंग को राज्य के कलाकार अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिला रहे हैं. इसमें पुंदाग रांची की शैली झा भी शामिल हैं.
रांची. मधुबनी और मिथिला पेंटिंग को राज्य के कलाकार अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान दिला रहे हैं. इसमें पुंदाग रांची की शैली झा भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में आठ से 17 जुलाई तक मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी लगायी गयी. मिथिला सेंटर यूएसए व नेपाल दूतावास न्यूयॉर्क की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इसमें शैली की कलाकृतियां भी प्रदर्शित की गयीं. शैली ने क्लाइमेट एक्शन एंड ग्लोबल वार्मिंग थीम पर अपनी पेंटिंग साझा की. उनकी कलाकृतियों को अमेरिका सहित नेपाल और भारत के कला प्रेमियों ने सराहा. शैली ने निवारणी (विपत्ति से रक्षा यानी मदर अर्थ), वियुक्ति (स्वयं से अलगाव यानी एनिमल इन इंडेनजर्ड) के अलावा ग्रीन एनर्जी पर मधुबनी पेंटिंग बनायी.
कला और आधुनिक चुनौतियों के बीच के संबंध को उजागर करना
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य पारंपरिक कला और आधुनिक चुनौतियों के बीच के संबंध को उजागर करना है. विशेष रूप से विश्वभर में जलवायु परिवर्तन की स्थिति और इसपर लोगों का ध्यान केंद्रित हो, इसके लिए कला-संस्कृति को माध्यम बनाया जा रहा है. प्रदर्शनी में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसका उदघाटन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने किया. साथ ही संयुक्त राष्ट्र में नेपाल के स्थायी प्रतिनिधि लोक बहादुर थापा ने मिथिला संस्कृति की परंपरा पर चर्चा की. शैली वर्तमान में न्यू जर्सी अमेरिका में रहते हुए मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा दे रही हैं. प्रदर्शनी में बिहार के दो चित्रकार नूपुर निशीथ व शिवांगी सिंह की भी मधुबनी पेंटिंग को जगह मिली है. साथ ही नेपाल के पांच कलाकारों की चित्रकला को भी प्रदर्शित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है