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पकरी बरवाडीह से कोयला ढुलाई बंद, 100 करोड़ का नुकसान

एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह परियोजना से कोयले की ढुलाई बंद होने से राज्य व केंद्र सरकार को नुकसान

एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह परियोजना से कोयले की ढुलाई बंद होने से राज्य व केंद्र सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. एनटीपीसी को भी 100 करोड़ का नुकसान हो चुका है. वहीं रेलवे को प्रति दिन औसतन 10 करोड़ का नुकसान हो रहा है.

साथ ही 5.5 लाख एमटी कोयले के स्टॉक को जल कर राख हो जाने का खतरा पैदा हो गया है. इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने एक दो दिनों में कोयले की ढुलाई शुरू करने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को आग से बचाना तथा सरकार को होनेवाले नुकसान से बचाना है. गौरतलब है कि एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल परियोजना से सितंबर महीने से कोयले की ढुलाई बंद हो गयी है.

भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 के आलोक में मुआवजे की मांग को लेकर कोयले की ढुलाई बंद करा दी गयी है. इस मांग पर विचार करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था. प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में हजारीबाग के उपायुक्त, विधायक अंबा प्रसाद और एनटीपीसी के अधिकारी शामिल है.

देवाशीष गुप्ता ने की थी जांच

मुआवजे में गड़बड़ी की शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार ने सेवानिवृत अधिकारी देवाशीष गुप्ता से जांच करायी थी. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में ‌फर्जी दस्तावेज के सहारे सरकारी जमीन का मुआवजा जालसाजों द्वारा लिये जाने का उल्लेख किया था. इसके साथ ही सीबीआइ जांच की अनुशंसा भी की थी.

मुअावजे की मांग को लेकर ढुलाई है बंद

मुआवजे की मांग को लेकर कोयले की ढुलाई बंद होने की वजह से यहां 5.5 लाख मेट्रिक टन कोयले का ढेर जमा हो गया है. इसमें कई स्थानों पर आग लग चुकी है. इससे स्थानीय लोगों को भारी नुकसान होने की आशंका है. कोयले में आग लगने के खतरे से निपटने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 18 सितंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. इसमें एनटीपीसी के चेयरमैन भी शामिल थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने कोयले की ढुलाई शुरू कराने का निर्देश दिया था. हालांकि कुछ कारणों से ढुलाई नहीं हो सकी.

एसडीअो ने की लोगों से बात

इसके बाद सरकार के आदेश के आलोक में हजारीबाग के सदर अनुमंडल अधिकारी विद्याभूषण कुमार ने स्थानीय लोगों से बात की और कोयले में आग लगने से होनेवाले खतरे की जानकारी दी. इसके बाद मुआवजे की मांग कर रहे धरने पर बैठे अधिकांश समूह ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया. इससे अब एक दो दिनों में पकरी बरवाडीह परियोजना से कोयले की ढुलाई शुरू होने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि पकरी बरवाहीड कोल परियोजना में 376 करोड़ रुपये के मुआवजे घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है. आरोप है कि लोगों को सरकारी जमीन का भी मुआवजा दे दिया गया है.

posted by : sameer oraon

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