चार वर्षों से नहीं मिला पैसा, ढाई से तीन लाख तक है बकाया

राज्य में पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को चार वर्षों से पैसा नहीं मिला है. वर्ष 2020-21 से उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 6:22 PM

रांची. राज्य में पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को चार वर्षों से पैसा नहीं मिला है. वर्ष 2020-21 से उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. अब जाकर सरकार ने उनकी प्रोत्साहन राशि बढ़ा भी दी है. इसके बाद भी एक पैसा उन्हें नहीं मिला है. ऐसे में स्वयंसेवकों का ढ़ाई से तीन लाख रुपये बकाया है. पैसा नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है. लगातार 253 दिन तक हड़ताल में रहने के बाद भी उन्हें बकाया राशि नहीं मिली, हालांकि पंचायती राज विभाग ने यह आश्वासन दिया था कि उनका बकाया तो दिया जायेगा. वहीं बढ़ी हुई राशि भी दी जायेगी.

मांगें पूरी नहीं हुई, तो करेंगे आंदोलन

हड़ताल के बाद समझौता में विभाग ने मानदेय 2500 रुपये देने और उनका पदनाम पंचायत सचिवालय सहायक करने पर सहमति जतायी थी. इसका आदेश भी जारी हो गया है. फिर भी पैसा नहीं दिया गया. तब पैसे के भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर सहायकों ने पंचायती निदेशक से भी मुलाकात की. वहीं मंत्री आलमगीर आलम के समक्ष भी समस्याएं रखी. अभी भी कुछ नहीं हुआ, तो अब यह निर्णय लिया गया है कि सम्मान समारोह आयोजित कर मुख्यमंत्री को मानदेय बढ़ाने और पदनाम बदलने के लिए सम्मानित किया जायेगा. उनके पास मांगें रखी जायेगी. इसके बाद भी मांगों पर कुछ नहीं हुआ, तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी. इस बार मांगें पूरी होने तक सभी हड़ताल पर डटे रहेंगे.

सचिवालय और विधानसभा घेरा था

स्वयंसेवकों ने अपनी मांगों को लेकर झारखंड सचिवालय के साथ ही विधानसभा को भी घेरा था. इसके साथ ही मुख्यमंत्री आवास और मंत्री आवास का भी घेराव किया गया था. नंग-धड़ंग प्रदर्शन भी किया गया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version