वरीय संवाददाता, रांची. उद्योगपति, कोयला व्यवसायी व अन्य कारोबारियों से पांडेय गिरोह गिरोह द्वारा वसूले गये रंगदारी के 50 लाख रुपये के साथ बजरंग यादव को पटना जंक्शन पर 11 अगस्त को आरपीएफ व जीआरपी की संयुक्त टीम ने पकड़ा था. पैसे को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर एटीएस एसपी रिषभ झा ने एक टीम को पटना भेजा. इसके बाद वहां से बजरंग यादव को गिरफ्तार कर रांची लाया गया. यहां कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में उसे जेल भेज दिया गया. बजरंग यादव रामगढ़ जिला के पतरातू थाना अंतर्गत जयनगर का निवासी है. बजरंग यादव के पास से तीन मोबाइल बरामद किया गया है. एटीएस की प्रारंभिक जांच व सत्यापन में यह बात सामने आयी है कि उक्त पैसा पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी का है. वह रामगढ़ जिला के पतरातू का रहनेवाला है. मामले में एटीएस थाना में भारतीय न्याय संहिता की धारा धारा 111 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वहीं इस गिरोह के सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए एटीएस की टीम छापेमारी कर रही है. जांच एजेंसी के अनुसार, इस गिरोह के अपराधियों द्वारा कोयला व्यवसायियों, ठेकेदारों आदि से भयादोहन कर रंगदारी के रूप में उक्त राशि की वसूली की गयी थी. गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में विकास तिवारी जेल में बंद है. उल्लेखनीय है कि पांडेय गिरोह राज्य के कई जिलों में रंगदारी की वसूली करता है. विकास तिवारी व इसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ झारखंड के कई जिलों के थानों में आपराधिक केस दर्ज है. …
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