महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पंकज के लिए किया वकील का इंतजाम, CM हेमंत के प्रेस सलाहकार ने दी थी ये सलाह

ईडी ने अपने शपथ पत्र में अवैध खनन में पंकज मिश्रा का दबदबा, उसे मिलनेवाले राजनीतिक संरक्षण के अलावा उसके अन्य कारनामे और बच्चू यादव व दाहू यादव के आपराधिक इतिहास का उल्लेख किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2022 10:34 AM

मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू ने ही पंकज मिश्रा को बीमारी के नाम पर अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया था. उन्होंने झारखंड के एडवोकेट जेनरल (महाधिवक्ता) राजीव रंजन को फोन कर पंकज मिश्रा को सरकारी वकील की सहायता मिलने के संबंध में भी जानकारी ली. इसके बाद महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पंकज मिश्रा के लिए वकील का इंतजाम किया. प्रदीप चंद्रा नामक यह वकील कई बार ईडी कार्यालय गया. कोतवाली थाना में भी पंकज से मुलाकात की. प्रवर्तन निदेशालय ने शंभुनंदन मामले में हाइकोर्ट में दायर शपथ पत्र में इन तथ्यों का उल्लेख किया है.

ईडी ने अपने शपथ पत्र में अवैध खनन में पंकज मिश्रा का दबदबा, उसे मिलनेवाले राजनीतिक संरक्षण के अलावा उसके अन्य कारनामे और बच्चू यादव व दाहू यादव के आपराधिक इतिहास का उल्लेख किया है. बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद मामले के आइओ सरफुद्दीन खान द्वारा तर्कसंगत जांच नहीं होने और मंत्री आलमगीर आलम व पंकज के खिलाफ जांच करने के निर्देश से संबंधित बयान का भी उल्लेख किया है.

शपथ पत्र में प्रेमप्रकाश के घर से बरामद दो एके-47 राइफल और 60 गोलियों से संबंधित मामले में पुलिस द्वारा की जा रही लीपापोती का भी उल्लेख किया गया है. साथ ही इडी ने पिंटू और महाधिवक्ता के बीच हुई बातचीत का ब्योरा भी पेश किया है. अवैध खनन मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा को 19 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया. वहीं से चंदन यादव और सूरज पंडित के मोबाइल फोन से वह आलाधिकारियों से बात करता था. अभी वह सीआइपी में भर्ती है.

ईडी ने शपथ पत्र के साथ 22 जुलाई को हुई बातचीत का ब्योरा भी दिया है, आज हाइकोर्ट में सुनवाई

अभिषेक : हैलो.

राजीव रंजन : हां पिंटू जी. बोलिए.

अभिषेक : ये बताइये कि सरकारी वकील रह सकता है या नहीं?

राजीव रंजन : क्या परपस है? बताइये न.

अभिषेक : अरे, पंकज के केस में. पंकज की कस्टडी में कौन जायेगा. पूछेगा, बात करेगा. दिल्ली जाना है और बात करना है. कौन करेगा?

राजीव रंजन : एक एडवोकेट कर देते हैं, जो उससे हर रोज बात करेगा और मिलेगा भी.

अभिषेक : माने, हम यह रूल जानना चाह रहे है कि सरकारी हो सकता है कि नहीं हो सकता है?

राजीव रंजन : नहीं ,सरकारी नहीं हो सकता है.

अभिषेक : चलिए, ठीक है, तो ऐसा कीजिये. उसका एक मित्र यहां रांची आया हुआ है. वह डेली जाये. उससे बातचीत करे आधा घंटा 20 मिनट. बात करके जो बोलेगा, उसके यह समझ में नहीं आना चाहिए कि ये बेवकूफ वकील है. माने उसने क्या बोला, क्या पूछा, यह लिख कर नोट कर ले. ठीक है. एक समरी बना ले ताकि कल को……

राजीव रंजन : क्या बोल रहा है, क्या कहना चाह रहा है.

अभिषेक : मेरी बात सुनिए न. हम क्या बोल रहे हैं. आप लोगों को ज्यादा ज्ञान है. हमको पॉलिटिक्स में…. उसमें एक वकील को भेजिए. क्या बोल रहा है पंकज से. ईडी क्या पूछता है पंकज से अंदर में और बाहर में जो पूछता है, उसको बताये. सुनना पड़ेगा. 15 मिनट आधा घंटा तक मिले. उससे दो बार मिले. उसके एक मित्र आये हैं बगल में. यहीं आये हैं. ठीक है. एक नंबर हम वाट्सएप कर रहे हैं. उसके मित्र का नाम राजेश है.

तो ये सभी साथ रहेंगे और वह भी साथ रहेंगे. तो एक नंबर हम वाट्सएप कर रहे हैं. वकील को बोलियेगा कि इनसे बात कर लेगा. जैसे तीन दिन हो गया, मान लीजिए. ईडी क्या पूछ रहा है. एक पेन पेपर लेकर जाये. वहां लिख ले कि ये पूछा. आप क्या बोले. मोटा मोटी एक समरी इंडेक्स बना ले 14 दिन का.

ताकि कल को कोर्ट में वकील क्या करेगा. कोई बहस करेगा, तो यह काम आ जाए. बाकी लीगल प्वाइंट ऑफ व्यू में मेरा दिमाग नहीं है. हम पॉलिटिकल ब्रेन रखते हैं. तो एक राजेश जी का नंबर हम वाट्सएप कर रहे हैं. उस वकील को बोलिएगा कि अभी वकालतनामा लेकर, हो सकता है, तो अभी चला जाये या सुबह चला जाये. जैसे करना है, करा लीजिए. बस इतना कहना है.

राजीव रंजन : हां वाट्सएप कर दीजिये. हम बात कर ले रहे हैं.

अभिषेक : हां नंबर नोट कीजिए न. क्योंकि बगल में ही है. इसलिए वाट्सएप करना बेहतर नहीं लग रहा है. इनका नाम राजेश सिन्हा है. नंबर नोट कीजिए. 088…….07. जीरो लगा लीजिएगा. इनका नाम राजेश सिन्हा है. इसके मित्र हैं. बेचारी बहुत दुखी, चिंतित है. तो यह बेचारा आया है बाहर से. तो साथ में दोनो जायेगा और दो बार फिक्स कराये. दो बार जाने का. सुबह और शाम, ताकि मेंटल स्थिति भी ठीक रहे. आज का न हो पाये तो कल से करा दीजिए. इनसे संपर्क कर लीजिए.

राजीव रंजन : हम उनसे बात कर लेते हैं और उनको लगा देते हैं. उनका नाम पिंटू है.

अभिषेक : उसका नाम पिंटू है? बाहर का नाम क्या है?

राजीव रंजन : बाहर का नाम है प्रदीप कुमार.

अभिषेक : ठीक है. हाइकोर्ट में है?

राजीव रंजन : सिविल कोर्ट में है, तो वह साथ में चला जायेगा और नोट कर लेगा.

अभिषेक : क्रिमिनल देखता है ?

राजीव रंजन : हां, क्रिमिनल देखता है.

अभिषेक : सीनियर आदमी है?

राजीव रंजन : मीडियम है. अच्छा लड़का है. विश्वासी है हम लोगों का.

अभिषेक : ठीक है. हम इनको बोल देते हैं. कल सुबह से बोल दीजिए. दो बार. एक बार सुबह और एक बार शाम.

राजीव रंजन : बात कर लेगा दोनों लोग आपस में.

अभिषेक : वो कहां रहता है?

राजीव रंजन : वह उधर ही मोरहाबादी साइड में रहता है.

अभिषेक : ठीक है. फिर उसके तो नजदीक ही है. उसको एक बार कोतवाली में और एक बार इडी ऑफिस सुबह में. सुबह और शाम हो जायेगा.

राजीव रंजन : कर लेगा.

अभिषेक : ठीक है, बात कराओ

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