ED ने कोर्ट में दी दलील: पंकज मिश्रा को झारखंड सरकार का संरक्षण, पावर इंज्वाय कर रहा

ईडी की ओर से कहा गया कि अभियुक्त पंकज मिश्रा न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान भी लगातार वरीय पुलिस और राज्य के अधिकारियों से बात करता रहा. उसके सहयोगियों के अलावा रिम्स में उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने भी उसे फोन की सुविधा मुहैया करायी

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2022 7:05 AM

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है. वह ‘पावर इंज्वाय’ कर रहा है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए रिम्स में इलाज के दौरान उसने करीब 300 फोन कॉल किये. उसका राजनीतिक रसूख ऐसा कि साहिबगंज थाने में उस पर दर्ज प्राथमिकी की जांच में उसे निर्दोष बताया गया. पंकज मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गयी है.

जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कहा गया कि अभियुक्त पंकज मिश्रा न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान भी लगातार वरीय पुलिस और राज्य के अधिकारियों से बात करता रहा. उसके सहयोगियों के अलावा रिम्स में उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने भी उसे फोन की सुविधा मुहैया करायी. वह अपने सहयोगियों की मदद से अब भी अवैध कार्यों को अंजाम दे रहा है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त पंकज मिश्रा प्रभावशाली व्यक्ति है. सर्विलांस में लगाये गये उसके एक फोन कॉल की जांच से पता चला है कि वह अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करता है.

उसने दुमका के तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त चंद्र मोहन कश्यप को स्टीमर दुर्घटना में उपायुक्त पर दबाव नहीं देने का निर्देश दिया था. साहिबगंज में उसके खिलाफ दर्ज मामलों में उसके राजनीतिक रसूख की वजह से आरोप मुक्त किया गया. वह अवैध खनन में लिप्त है. साहिबगंज के कुछ खनन क्षेत्रों पर उसने अपने सहयोगियों की मदद से अपना कब्जा जमा रखा है. अब तक की जांच में यह पाया गया कि उसने 4.87 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग की है.

क्या कहा है पंकज मिश्रा ने अपनी जमानत याचिका में :

पंकज मिश्रा द्वारा दायर जमानत अर्जी में कहा गया था वह निर्दोष है. अवैध खनन से उसका कोई संबंध नहीं है. ईडी ने गलत तरीके से उसे मनी लाउंड्रिंग के आरोप में फंसाया है. बरहरवा थाने में उस पर दर्ज प्राथमिकी में जांच के दौरान उसके खिलाफ लगाये गये आरोप गलत पाये गये. इसके बावजूद ईडी ने इस प्राथमिकी के आधार पर उसके खिलाफ अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया.

वह वैध लाइसेंस के तहत माइनिंग और खनिजों का व्यापार कर रहा है. उसने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 23.48 करोड़ रुपये का बोल्डर और चिप्स खरीदा था. बरहरवा नगर पंचायत टोल पर कब्जा जमाने का आरोप गलत है. छापामारी के दौरान ईडी को उसके घर से नकदी या कोई आपत्ति जनक सामग्री नहीं मिली. ईडी द्वारा जब्त किये गये क्रशरों में से एक भी उसका नहीं है. ईडी ने जो दस्तावेज जब्त किये हैं, उससे भी अभियुक्त के खिलाफ किसी तरह का आरोप साबित नहीं होता है.

अभियुक्त के घर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बैंक खाते से जुड़ा चेक बुक जब्त किया है. चेक बुक उसे विधायक प्रतिनिधि के रूप में दिया गया था. उसने इसका कोई इस्तेमाल नहीं किया है. अभियुक्त पिछले 15-16 साल से पैंक्रियाटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है. इसलिए उसे जमानत दी जाये. पीएमएल के विशेष न्यायाधीश ने पिछले दिनों उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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