जरूरतमंदों की मदद कर रही है पैराडाइज संस्था,आप भी बढ़ा सकते हैं हाथ…
देश में कोरोना महामारी के वक्त समाजिक संस्थाओं ने मिलकर इस देश को और मजबूत किया,जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई तेज और आक्रामक रही. इस दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए कई हाथ आगे बढ़ें, इनमें से एक हाथ है, सामाजिक संस्था है पैराडाइज का.
देश में कोरोना महामारी के वक्त समाजिक संस्थाओं ने मिलकर इस देश को और मजबूत किया,जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई तेज और आक्रामक रही. इस दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए कई हाथ आगे बढ़ें, इनमें से एक हाथ है, सामाजिक संस्था है पैराडाइज का. इसका निर्माण भी इसी उद्देश्य के साथ हुआ, एक समान विचार रखने वाले 14 लोगों ने मिलकर इस संस्था को बनाया और लक्ष्य रखा जरूरतमंदों की मदद. अब आपके पास भी अवसर है मिलकार काम करने का..
कैसे बनी संस्था, क्या रखा लक्ष्य
पैराडाइज का गठन मई महीने में साल 2019 को हुआ. संस्था निर्माण के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा गया. जैसे किसी खास धर्म, जाति या वर्ग के लिए काम ना करके समाज के सभी वर्गों के लिए काम करना. अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से दूर रहना. कम से कम कागज का इस्तेमाल करना और प्रचार- प्रसार के लिए बेकार के खर्च से किनारा करना.
फंड के लिए कैश और अन्य माध्यमों को छोड़कर सिर्फ ऑनलाइन फंड का उपयोग करना, जिससे फंड को लेकर पारदर्शी रहा जा सके, हिसाब आसानी से रखा जा सके. किसी भी तरह के इवेंट या आयोजन के लिए आमंत्रण पत्र पर खर्च ना कर डिजिटल प्लेटफार्म की मदद से काम करना.
कैसे करती है काम
पैराडाइज लोगों की मदद के लिए ऐसे संस्था की तलाश करती है, जो सेवा भाव से बगैर किसी स्वार्थ के लिए काम कर रहा है. हर महीने एक क्षेत्र तय कर ऐसे एनजीओ की तलाश होती , जिसे सच में आर्थिक मदद की जरूरत हो. संस्था इनके साथ मिलकर काम करती है और इस तरह की संस्थाओं की मदद के लिए पैराडाइज तत्पर रहती है.
अबतक क्या क्या किया है पैराडाइज ने
पैराडाइज कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने में सफल रही है. संस्था ने किसी एक क्षेत्र में नहीं, कई क्षेत्रों में काम किया है. अबतक 22 से ज्यादा योजनाओं पर काम पूरा हो चुका है, कई योजनाएं जो इससे जुड़ी है उस पर का चल रहा है. इन योजनाओं की मदद से समाज के सभी क्षेत्र और वर्गों तक पहुंचने की कोशिश जारी है.
महिलाओं को स्वावलंबन बनाने की दिशा में पैराडाइज
घर की महिलाएं मजबूत होंगी, तो पूरा घर मजबूती से खड़ा रहेगा. गांव से शहर महिलाएं भी काम की तलाश में भटकती है. इन्हें मजबूत करने के उद्देश्य से जोन्हा स्थित सेवा धाम में 26 सिलाई मशीन की व्यस्था की गयी.
यहां महिलाएं सिलाई का प्रशिक्षण ले सकती है. यहां रहने खाने की भी व्यस्था है. इस कार्य की लागत लगभग ढाई लाख रुपये रही इस कार्य में सहयोग रहा सांसद महेश पोद्दार का.
महिलाओं की सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है जब वह गर्भवती हों. पौष्टिक भोजन की जरूरत क समझते हुए नामकुम ब्लॉक में पैराडाइज ने 135 महिलाओ को पौष्टिक आहार का पैकेट वितरण किया.
गरीबों को दिये रोजगार के अवसर
कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा असर पड़ा छोटे व्यापारियों पर. ऐसे समय में संस्था उनके कमजोर कांधे पर सहारा बनकर आयी. 11 गरीब लोगों को दोबारा रोजगार खड़ा करने के लिए ठेला दिया. इसकी मदद से रोजगार की चिंता में परेशान हो रहे इन 11 परिवारों को राहत मिली.
शिक्षा पर भी फोकस
आधुनिक शिक्षा का महत्व हम सभी जानते हैं. आज के बच्चे अगर कंप्यूटर और ऑनलाइन का ज्ञान कम रखेंगे तो भविष्य में उनके सपने पर असर पड़ेगा इसी उद्देश्य के तहत रांची जिले के पिठोरिया में स्थित महर्षि निखिलेश पब्लिक स्कूल को 8 कंप्यूटर और इंनवर्टर दिया ताकि बच्चों की पढ़ाई पर असर ना पड़े.
सोनाहातू में बिरसा सरस्वती विद्या मंदिर जहां आसपास के 25 गांवों के 350 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं, यहां बच्चों के लिए साफ पानी का इंतजाम किया गया. जिसके लिए बढ़िया फिल्टर औ टंकी लगाया गया इसका ध्यान भी रखा गया कि यहां पीने के पानी की कमी ना हो.
आप भी कर सकते हैं सहयोग
अगर आप भी लंबे समय से किसी संस्था से जुड़कर इसी तरह का काम करना चाह रहे थे तो यह बेहतर मौका है कि आप पैराडाइज का हिस्सा हो सकते हैं. 14 सदस्यों के साथ बनी इस टीम में अबतक 150 से ज्यादा लोग हैं जो सहयोग कर रहे हैं. संस्था ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए यह संख्या बढ़ा रही है. संस्था जितनी मजबूत होगी उतनी ही मजबूती से समाज में लोगों की मदद भी कर सकेगी.
कैसे कर सकते हैं अंशदान
अगर आप भी संस्था के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और सदस्य बनना चाहते हैं तो आप , 9431115330 अध्यक्ष, 9431114266 सचिव, और कोषाध्यक्ष 8292697444 केइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. इसके बाद आपको वेलकम किट आपके व्हाट्सएप पर भेजी जायेगी तो आपकी सदस्यता का प्रमाण होगा.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak