22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परमहंस योगानंद का 131वां जन्मोत्सव मना, योगदा सत्संग सोसाइटी में गुरुपूजा के बाद भंडारे का आयोजन

परमहंस योगानंद के भौतिक शरीर त्यागने के बाद भी उनकी शिक्षाओं ने जॉर्ज हैरिसन, रविशंकर और स्टीव जॉब्स जैसे महान् लोगों के जीवन को अत्यंत गहनता से प्रभावित किया है.

परमहंस योगानंद की 131वीं जयंती पर योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) के रांची स्थित आश्रम में भव्य समारोह का आयोजन किया गया. परमहंस योगानंद का जन्मोत्सव सुबह विशेष सामूहिक ध्यान से शुरू हुआ. उसके बाद स्वामी पवित्रानंद ने गुरु का मार्गदर्शक के रूप में महत्व पर प्रवचन दिया. प्रवचन के बाद आश्रम में गुरु पूजा और यज्ञ का आयोजन किया गया. इस दौरान भक्तों ने ब्रह्मचारी शंकरानंद और शांभवानंद के भजनों का आनंद लिया.

स्टीव जाॅब्स भी थे प्रभावित
Undefined
परमहंस योगानंद का 131वां जन्मोत्सव मना, योगदा सत्संग सोसाइटी में गुरुपूजा के बाद भंडारे का आयोजन 4

परमहंस योगानंद के जन्मोत्सव में हजारों की संख्या में भक्तगण और श्रद्धालु पहुंचे. इस मौके पर भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमें इस वर्ष लगभग 9,000 लोगों को प्रसाद परोसा गया. इस जन्मोत्सव समारोह का समापन शाम को ध्यान के साथ हुआ. योगानंदजी के जीवनकाल में लूथर बरबैंक और अमेलिटा गैली-कर्सी जैसे प्रसिद्ध व्यक्ति उनके शिष्य थे. उनके भौतिक शरीर त्यागने के बाद भी उनकी शिक्षाओं ने जॉर्ज हैरिसन, रविशंकर और स्टीव जॉब्स जैसे महान् लोगों के जीवन को अत्यंत गहनता से प्रभावित किया है.

हर साल होता है कीर्तन और भंडारे का आयोजन

गौरतलब है कि पांच जनवरी को परमहंस योगानंद की जन्म जयंती है. इस मौके पर योगदा सत्संग सोसाइटी द्वारा हर साल ध्यान, कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाता है. इस आध्यात्मिक संस्था की स्थापना परमहंस योगानंद 1917 में की थी. उनका उद्देश्य क्रिया योग का प्रसार पश्चिमी देशों में करना था. योगानंद जी के जन्मोत्सव के मौके पर तीन जनवरी को सोसाइटी की ओर से रांची के कुष्ठ काॅलोनियों में गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराया गया. साथ ही आठ जनवरी को बस्ती में कंबल का भी कार्यक्रम है.

Undefined
परमहंस योगानंद का 131वां जन्मोत्सव मना, योगदा सत्संग सोसाइटी में गुरुपूजा के बाद भंडारे का आयोजन 5
प्रेमावतार थे परमहंस योगानंद

योगानंदजी ने सन् 1952 में अपना शरीर त्याग दिया था. उनकी शिक्षाओं के प्रसार का कार्य अधिकृत रूप से उनके द्वारा संस्थापित दो संस्थाओं -योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इण्डिया (वाईएसएस) और विश्व स्तर पर सेल्फ-रियलाइज़ेशन फ़ेलोशिप (एसआरएफ़) — के द्वारा सम्पन्न किया जा रहा है. योगानन्दजी के जीवन और व्यक्तित्व में व्याप्त शुद्ध प्रेम, शान्ति और आनन्द ने लाखों लोगों को उनके मार्गदर्शन और ईश्वर के मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया है. योगानन्दजी वास्तव में स्वयं प्रेम के अवतार थे और आज भी उन्हें “प्रेमावतार” के रूप में जाना जाता है.

Undefined
परमहंस योगानंद का 131वां जन्मोत्सव मना, योगदा सत्संग सोसाइटी में गुरुपूजा के बाद भंडारे का आयोजन 6
Also Read: Astrology: हर व्यक्ति के जीवन में 27 नक्षत्रों का हैं खास महत्व, जानें स्वभाव और उनके स्वामी का प्रभाव

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें