Jharkhand News: सालखन मुर्मू ने की राष्ट्रपति से पारसनाथ पहाड़ का नाम ‘मरांग बुरु’ करने की मांग

सालखन मुर्मू ने कहा है कि मरांग बुरु अर्थात झारखंड के गिरिडीह जिले में अवस्थित पारसनाथ पहाड़ संताल आदिवासियों का ईश्वर है, जहां युग-युग से आदिवाासी पूजा अर्चना और धार्मिक- सांस्कृतिक सेंदरा या शिकार भी करते आ रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2023 9:37 AM
an image

Parasnath Controversy: आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मांग की है कि पारसनाथ पहाड़ यानी मारंग बुरु को अविलंब संताल आदिवासियों को सुपुर्द किया जाये. शनिवार को भेजे अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि पारसनाथ पहाड़ का नाम सरकार द्वारा अविलंब अधिकृत रूप से मरांग बुरु किया जाये. मरांग बुरु को अविलंब जैनों की कब्जे से मुक्त किया जाये, अन्यथा आदिवासी सेंगेल अभियान एक लाख सेंगेल सेना के साथ अपने ईश्वर मरांग बुरु की मुक्ति को मजबूर हो सकता है.

मरांग बुरु पर आदिवासियों का पहला अधिकार

सालखन मुर्मू ने कहा है कि मरांग बुरु अर्थात झारखंड के गिरिडीह जिले में अवस्थित पारसनाथ पहाड़ संताल आदिवासियों का ईश्वर है, जहां युग-युग से आदिवाासी पूजा अर्चना और धार्मिक- सांस्कृतिक सेंदरा या शिकार भी करते आ रहे हैं. मरांग बुरु पर आदिवासियों का प्रथम अधिकार है और इसकी पुष्टि इंग्लैंड में अवस्थित प्रिवी काउंसिल ने भी 1911 में जैन बनाम संताल आदिवासी के विवाद पर संताल आदिवासियों के पक्ष में फैसला देकर किया था. मरांग बुरु पर हमला आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी पर हमला है. यह हमारे लिए सर्वोच्च पूजा स्थल व तीर्थ स्थल है, इसी तरह बोकारो जिले में अवस्थित लुगू बुरु, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित अयोध्या बुरु भी हमारे महान तीर्थ स्थल हैं. इसी प्रकार अनेक पहाड़- पर्वत हमारे पूजा स्थल हैं, तीर्थ स्थल हैं, जिन पर लगातार हमला जारी है. उनकी रक्षा सुनिश्चित करना सभी संबंधित सरकारों की जिम्मेवारी है. हमारी मांग है अब केवल मरांग बुरू अर्थात पारसनाथ पहाड़ ही नहीं, बल्कि देश के सभी पहाड़-पर्वतों को आदिवासी समाज को सौंप दिया जाये, क्योंकि सभी पहाड़ पर्वतों में आदिवासियों के देवी-देवता वास करते हैं और आदिवासी भी निवास करते हैं.

जैन समाज से माफी मांगें विधायक लोबिन : कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम द्वारा जैन समाज के धर्मगुरुओं पर की गयी टिप्पणी को शर्मनाक बताया है. कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव अजय जैन ने कहा कि श्री हेंब्रम ने राजनीतिक फायदे और भोले-भाले आदिवासियों के बीच सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अल्पसंख्यक जैन समाज के धर्मगुरुओं पर अमर्यादित टिप्पणी की है. मां, माटी, मानुष की बात करनेवाले जनप्रतिनिधि का लोगों को उकसाना ओछी मानसिकता का परिचायक है.

मुख्यमंत्री दो संप्रदायों को लड़ाने का काम करनेवाले झामुमो विधायक की जांच करा कार्रवाई करे. श्री जैन ने कहा कि झामुमो ने हमेशा सभी धर्मों को सम्मान किया है. जैन धर्म गुरुओं पर विधायक द्वारा की गयी अमर्यादित टिप्पणी ने अल्पसंख्यक जैन समाज को पीड़ा पहुंचायी है. मुख्यमंत्री को पारसनाथ के आदिवासी समुदाय को समझना होगा कि जैन धर्म के गुरुओं ने सर्वस्व त्याग कर प्राणी मात्र के प्रति सदभावना, जीयो और जीने दो का संदेश दिया है. वह राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि मानते हैं. विधायक द्वारा ऐसे गुरुओं के प्रति अनर्गल बातें करना शोभा नहीं देता है.

Exit mobile version